हितेश दोशी की सफलता की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है. हितेश दोशी को हमेशा से कुछ अलग करने का मन था. वो हमेशा दकियानूसी नौकरी से कुछ अलग हटकर सोचते थे. जब वो पढ़ रहे थे तब से ही वो काम के बारे में सोचते रहते हे. उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत कॉलेज के दिनों में की थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब वो काम शुरू कर रहे थे तो उनके पास उतने रूपये नहीं थे. लेकिन किसी न किसी तरह से काम तो शुरू करना ही था. उस समय उनके पास केवल 5000 रुपये थे. यह पैसे भी उनके अपने नहीं थे. यह भी उन्होंने दुसरे से लिया था.
वो 5 हजार का रकम अपने एक जाने वाले से लेकर अपना काम शुरू कर दिया था. उनके कंपनी का नाम वारी (Waaree) है. उन्हें यकीन था कि वह कुछ बड़ा कर सकते हैं. हालाँकि उन दिनों हार्डवेयर के सामान की उतनी डिमांड नहीं थी लेकिन वो भविष्य देख रहे थे. उन्हें लगता था की आने वाले समय में भारत में हार्डवेयर के सामान की डिमांड बढ़ने वाली है. देश जब तरक्की करेगा तो लोग हार्डवेयर के सामान को भी उतना ही खरीदेंगे जितना की दुसरे सामान को खरीदते है. इसलिए हिदेश दोशी ने हार्डवेयर सामान बनाने का कारोबार शुरू किया.
हितेश ने पहले बैंक से 150000 रुपये का लोन लिया. वह जानते थे कि यह कदम जोखिम भरा था. लेकिन उनका आत्मविश्वास और मेहनत उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे थे. उन्होंने अपनी फैक्ट्री शुरू की और धीरे-धीरे व्यवसाय को देश विदेश में फ़ैलाने लगे. धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई. उन्होंने अपनी कंपनी को बहुत बड़ा बनाया. आज उनका कारोबार 42034 करोड़ रुपये का है. उनकी कंपनी ने रिन्यूबल एनर्जी के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाई है. उन्होंने वारी ग्रुप को मार्केट लीडर बना दिया. आज वारी ग्रुप को रिन्यूबल एनर्जी के क्षेत्र में सबसे आगे माना जाता है.