पिता ट्रक रिपेयर करते, बेटी ने क्रैक किया NEET की परीक्षा

आरती झा की सफलता हर किसी को प्रेरित करती है. बचपन से ही आरती झा को डॉक्टर बनने की कामना थी. वो बचपन में अक्सर ये बात सोचती की वो बड़ी होकर एक अच्छी डॉक्टर बनेगी. लोगो को बीमारी से मुक्त कराएगी. लेकिन उनके घर की माली हालात तो इस पक्ष में बिलकुल भी दिखाई नहीं दे रही थी. घर में पैसो की हमेशा तंगी रहती थी. आरती झा के पिता एक ट्रक रिपेयर मैकेनिक हैं. घर में आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने अपनी बेटी को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. पिता का मानना है की अगर घर के बाल बच्चे अगर अच्छे से पढ़ लिख ले तो ये उनकी सबसे बड़ी कामयाबी होगी. वे अक्सर बेटी को पढाई में ध्यान केन्द्रित करने को प्रेरित करते.

अंत में रिजल्ट इतना अच्छा आया की किसी को भी यकीं नहीं हुआ था. आरती ने NEET UG 2023 में 192वां स्थान हासिल किया. यह सफलता सिर्फ आरती की मेहनत का परिणाम नहीं बल्कि उनके पिता के समर्थन का भी फल है. आरती ने काफी संघर्ष किये थे. गर्मियों में आरती पंखा बंद करके पढ़ाई करती थी. उनके पास कई मुश्किलें थीं. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. सिर में दर्द के बावजूद आरती ने अपनी पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी. उनका मानना था कि कठिनाई सिर्फ कुछ समय के लिए होती है. लेकिन सफलता हमेशा सच्ची मेहनत से मिलती है.

उनके पिता हमेशा उनकी प्रेरणा बने रहे. उन्होंने कभी आरती को यह नहीं महसूस होने दिया कि उनकी आर्थिक स्थिति उन्हें रोक सकती है. पिता का समर्थन और उनका प्यार ही आरती की सफलता का कारण बना. वह परिवार की पहली डॉक्टर बनने जा रही हैं. आरती का सपना है कि वह एम्स दिल्ली में दाखिला लेकर न्यूरोलॉजिस्ट बनें. उनका मानना है कि डॉक्टर बनने के बाद वह समाज में अपने ज्ञान और मेहनत से बदलाव ला सकती हैं.