आईएएस शुभम गुप्ता: गरीबी से सफलता की कहानी
शुभम गुप्ता वे व्यक्ति हैं जो गरीबी को अपने सफलता के मार्ग का सबसे बड़ा रोड़ा मानते हैं और उनकी कहानी दिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद भी मेहनत और संघर्ष से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
शुभम के जीवन की शुरुआत राजस्थान के एक आम परिवार में हुई थी, और वे एक साधारण परिवार के हिस्से थे। उनके पिता ने उन्हें बचपन से ही मानवीय मूल्यों का महत्व देना सिखाया और वे एक समृद्ध जीवन की बजाय सामाजिक सेवा में अपना करियर बनाने की दिशा में आगे बढ़े।
जीवन के रूक-रूक कर आए दौरों ने उन्हें अपने पैसे के लिए जूते और चप्पल बेचने का काम करने के लिए मजबूर किया, लेकिन उन्होंने कभी भी आत्मविश्वास खोने का नाम नहीं लिया। यह संघर्ष और समर्पण का एक मिसाल है जो उन्होंने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दिखाया।
उन्होंने UPSC की परीक्षा की तैयारी के दौरान भी कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उन्होंने मेहनत, आत्मविश्वास, और संघर्ष के साथ अपने सपनों को हासिल किया। उन्होंने अपने परिवार को गर्वित करने का मौका दिलाया और आज वे महाराष्ट्र कैडर के IAS अधिकारी के रूप में सेवा कर रहे हैं।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी भी संघर्ष या कठिनाई के बावजूद, हार नहीं मानना चाहिए, और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करने वाले व्यक्तियों की कभी हार नहीं होती।