सौम्या शर्मा का जीवन संघर्ष और सफलता की अद्भुत मिसाल है। साल 2017 में UPSC परीक्षा के पहले ही प्रयास में सफलता हासिल करने वाली सौम्या ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से दिखा दिया कि विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं माननी चाहिए।

संघर्ष और संकल्प का सफर

दिल्ली की रहने वाली सौम्या शर्मा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली में ही की। 16 साल की उम्र में एक दिन अचानक उनकी सुनने की शक्ति चली गई। 90 से 95 प्रतिशत सुनने की क्षमता खोने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इस नई वास्तविकता को स्वीकार कर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रहीं। हियरिंग ऐड की सहायता से सुनने वाली सौम्या ने अपनी शिक्षा जारी रखी और नेशनल लॉ स्कूल, दिल्ली से कानून की पढ़ाई की।

Saumya Sharma

UPSC की तैयारी

लॉ के अंतिम वर्ष में सौम्या ने UPSC परीक्षा में बैठने का निर्णय लिया। उन्होंने बिना कोचिंग के तैयारी की और केवल टेस्ट सीरीज पर भरोसा किया। सौम्या का मानना है कि सही किताबों का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने सोर्सेस को ध्यान से चुना और केवल उन्हीं से पढ़ाई की। नोट्स बनाने की आदत ने भी उनकी तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सौम्या कहती हैं कि पढ़ने के साथ-साथ लिखने की प्रैक्टिस भी बहुत जरूरी है, ताकि तय समय में अच्छे उत्तर लिखे जा सकें।

मेन्स परीक्षा के दौरान बीमारी

सौम्या के लिए मेन्स परीक्षा का समय अत्यंत चुनौतीपूर्ण था। परीक्षा के दौरान उन्हें हाई वायरल फीवर था और बुखार 103 डिग्री तक पहुंच जाता था। बावजूद इसके, उन्होंने परीक्षा देने का निर्णय लिया। परीक्षा के दौरान उन्हें तीन-तीन बार सलाइन ड्रिप चढ़ाई जाती थी। लंच ब्रेक में भी उन्हें ड्रिप लगाई जाती थी। इस कठिन समय में भी सौम्या ने हार नहीं मानी और पूरी परीक्षा दी।

सफलता की कहानी

सौम्या शर्मा ने पहले ही प्रयास में 9वीं रैंक हासिल की और IAS अधिकारी बनीं। उनका संघर्ष और सफलता हमें यह सिखाती है कि किसी भी परिस्थिति में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। सौम्या का कहना है कि समस्याओं का सामना डटकर करना चाहिए और अपनी मेहनत और धैर्य से आगे बढ़ना चाहिए।

सौम्या की सलाह

सौम्या यूपीएससी के उम्मीदवारों को सलाह देती हैं कि पढ़ने के साथ-साथ लिखने का भी अभ्यास करें। सही स्टडी मैटीरियल का चयन करें और अंत तक उसी पर टिके रहें। टॉपर्स के इंटरव्यू सुनें और उनसे प्रेरणा लें। समस्याओं का सामना करें और हार न मानें। मेहनत और धैर्य के साथ आगे बढ़ेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी।

सौम्या शर्मा की यह कहानी न केवल UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रेरणास्पद है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो जीवन में किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना कर रहा है। उनके संघर्ष और संकल्प की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद भी सफलता पाई जा सकती है, बशर्ते कि हमारा आत्मविश्वास और मेहनत बनी रहे।

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