यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा एक ऐसा मार्ग होता है जिसमें सफल होने के लिए अत्यधिक मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। यह परीक्षा कठिन होती है, लेकिन वो व्यक्तियों को सफलता दिलाने का मौका देती है जो अपने लक्ष्यों के प्रति पूरी तरह समर्पित होते हैं। गुजरात के कार्तिक जीवाणी (Kartik Jivani) भी ऐसे ही एक सफल UPSC उम्मीदवार हैं जिन्होंने अपनी कठिनाइयों का सामना किया और अपने सपने को पूरा किया।

मशीन नहीं, मन

कार्तिक का कहना है कि UPSC में सफल होने के लिए हार्ड वर्क के साथ-साथ स्मार्ट वर्क भी जरूरी है। उन्होंने अपने जीवन में कई मुश्किलें और असफल प्रयास देखे, लेकिन वो कभी नहीं हार माने और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे।

सफलता की कहानी

कार्तिक का सपना था कि वह आईएएस (IAS) अफसर बनेंगे, लेकिन उन्होंने अपने पहले कई प्रयासों में सफलता नहीं पाई। उन्होंने अपनी पहली प्रयास में आईएएस की परीक्षा नहीं पास की, लेकिन यह उनके आत्मविश्वास को कमजोर नहीं किया। उन्होंने आईपीएस (IPS) की पोस्ट को प्राप्त किया, लेकिन वो आईएएस बनने के सपने को नहीं भूले।

सपने का पूरा होना

कार्तिक ने अपनी तैयारी जारी रखी और आखिरकार अपने चौथे प्रयास में UPSC की परीक्षा में 8वीं रैंक हासिल की। उनकी सफलता का सबसे महत्वपूर्ण संदेश है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बल्कि यह उनकी मेहनत और समर्पण से होता है। कार्तिक की कहानी हमें यह सिखाती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, यदि हम सच्चे दिल से कुछ पाने का इरादा रखते हैं, तो हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं और अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

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