आईएएस अंशुमन राज की संघर्षपूर्ण और प्रेरक यात्रा का वर्णन करता है, जिन्होंने UPSC परीक्षा को दो बार सफलतापूर्वक पास किया।
अंशुमन का जन्म बिहार के बक्सर जनपद में हुआ था, और उन्होंने एक मध्यम वर्गीय परिवार में बड़े होकर कई बार बिजली के अभाव में लैंप की रोशनी में पढ़ाई की। उनका शैक्षिक सफर उनके गांव के स्कूल से शुरू हुआ और उच्च शिक्षा के लिए उन्हें रांची जाना पड़ा। शुरुआत से ही उनका लक्ष्य UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त करना था।
अंशुमन ने सेल्फ स्टडी के माध्यम से UPSC की तैयारी की और अपने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की, हालांकि उन्हें IRS का पद मिला। लेकिन उन्होंने यहीं रुकने का निर्णय नहीं किया और IRS बनने के बाद भी UPSC की तैयारी जारी रखी। चौथे प्रयास में, उन्होंने ऑल इंडिया 107 रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा किया।
अंशुमन का मानना है कि गांव में रहकर भी UPSC की तैयारी संभव है, बशर्ते उम्मीदवार के पास इंटरनेट कनेक्शन और सही रणनीति हो। उनका संदेश है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, निरंतर प्रयास और सही दिशा में कठोर परिश्रम के साथ UPSC जैसी कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों को पूरा करने में हिचकिचाते हैं।