आईएएस बनने का सपना देखने वाले भविष्य देसाई की यात्रा उल्लेखनीय और प्रेरक है। भविष्य ने एक आकर्षक नौकरी का प्रस्ताव, जिसकी कीमत 55 लाख रुपये थी, उसे ठुकरा दिया ताकि वह अपने सपने को साकार कर सकें।
भविष्य की यह यात्रा राजस्थान के अजमेर शहर से शुरू हुई। वहां से उन्होंने सेंट एंसलम स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और बाद में उन्होंने शिक्षा नगरी कोटा के शिव ज्योति स्कूल से अपनी 11वीं और 12वीं कक्षा पूरी की। भविष्य ने कानपुर आईआईटी से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री प्राप्त की।
उन्होंने गुड़गांव की QUADEYE स्टॉक मार्केटिंग कंपनी में इंटर्नशिप भी की, जहां उन्हें 55 लाख रुपये का पैकेज प्रस्तावित किया गया। हालांकि, उन्होंने इस लुभावने प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अपनी आकांक्षाओं की पीछे चल पड़े।
विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से प्रेरित होकर, भविष्य ने आईएएस बनने का निश्चय किया। उनका ध्येय था कि वह UPSC की परीक्षा में शीर्ष 100 में स्थान प्राप्त करें। उन्होंने अपनी पूरी ऊर्जा और समय परीक्षा की तैयारी में लगा दिया।
भविष्य की सफलता में उनके परिवार का भी बड़ा हाथ था। उनके पिता, गोपाराम देसाई, एमडीएस यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं और उनकी माता, ललिता देसाई, एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। उनकी बहन, हिमाक्षी देसाई, एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। उनके परिवार ने उन्हें हर कदम पर सहयोग और प्रोत्साहन दिया।
भविष्य को पढ़ने का बहुत शौक था और इसने उन्हें UPSC की परीक्षा में काफी मदद की। उन्होंने बिना किसी कोचिंग के घर पर रहकर परीक्षा की तैयारी की और अपनी समझ और कठिन परिश्रम से बड़ी सफलता हासिल की। अंततः, उन्होंने UPSC परीक्षा में 29वां रैंक प्राप्त किया।
भविष्य देसाई की कहानी हमें यह सिखाती है कि सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम, दृढ़ निश्चय और परिवार का समर्थन अत्यंत आवश्यक हैं। उनकी यह यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए अथक परिश्रम करते हैं।