अनु कुमारी, एक आईएएस अधिकारी, की कहानी न केवल प्रेरणा देती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी लक्ष्य संभव है। अनु का जन्म हरियाणा के सोनीपत में हुआ था, जहां उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने दिल्ली से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की और बाद में नागपुर से एमबीए किया। एमबीए पूरा करने के बाद, अनु ने मुंबई में एक बैंक में नौकरी शुरू की।
कुछ समय बाद, अनु ने गुड़गांव में अपना ट्रांसफर करा लिया, जहां उनकी शादी हुई और एक बेटे का जन्म हुआ। यहीं से उनके जीवन में एक नया मोड़ आया। उनके भाई और मामा के प्रोत्साहन से, अनु ने अपनी स्थायी नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। इस प्रक्रिया में उन्हें अपने छोटे बच्चे से दूर रहना पड़ा, जिसके लिए उन्हें समाज से कई ताने भी सुनने पड़े।
अनु की यात्रा आसान नहीं थी। उन्होंने पहले प्रयास में असफलता का सामना किया, लेकिन इससे निराश न होकर उन्होंने दूसरे प्रयास में और अधिक मेहनत की। उनकी कठोर परिश्रम और दृढ़ निश्चय ने रंग लाया, और उन्होंने दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल कर लिया।
अनु का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी किसी भी स्टेज पर शुरू की जा सकती है। उन्होंने सभी उम्मीदवारों को सलाह दी कि वे समाज के तानों और बातों को अनदेखा करें, सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें, कठिन परिश्रम करें और बेहतर रणनीति बनाएं। अनु की इस यात्रा से हमें यह सिखने को मिलता है कि साहस और दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।