यूपीएससी परीक्षा, जो भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है, को पास करना हर उम्मीदवार का सपना होता है। मधुमिता की कहानी ऐसे ही एक संकल्पित और दृढ़ निश्चयी उम्मीदवार की है, जिन्होंने अपने भाई की शादी में ना जाकर और परिवार से दूर रहकर इस परीक्षा को पास किया।
मधुमिता, हरियाणा के पानीपत की रहने वाली हैं। वे हमेशा से पढ़ाई में अव्वल रही हैं। उनके पिता का सपना था कि मधुमिता IAS अफसर बने। मधुमिता ने इस सपने को अपना लक्ष्य बनाया और अपनी पूरी ऊर्जा इसी में लगा दी।
मधुमिता ने इंटरमीडिएट के बाद BBA की डिग्री हासिल की और फिर MA किया। उनका यूपीएससी का सफर 2017 में शुरू हुआ। पहले प्रयास में वह इंटरव्यू तक पहुंचीं, लेकिन फाइनल चयन नहीं हो पाया। दूसरे प्रयास में भी उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद मधुमिता ने दिल्ली में रहकर अधिक कठोर तैयारी की। उन्होंने परिवार और मित्रों से कम संपर्क रखा और अपना पूरा ध्यान तैयारी में लगाया।
उनकी यह मेहनत 2019 में रंग लाई, जब उन्होंने तीसरे प्रयास में 86वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का अपना सपना पूरा किया। मधुमिता का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी के लिए सही माहौल और पूर्ण फोकस जरूरी है। उन्होंने अपने सिलेबस पर अच्छी तरह काम किया, सोशल मीडिया से दूरी बनाई और तैयारी खत्म होने पर जमकर आंसर राइटिंग प्रैक्टिस और मॉक टेस्ट दिए।
मधुमिता की यह कहानी हमें सिखाती है कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिनाइयों का सामना करना और त्याग करना पड़ता है। उनकी यह उपलब्धि उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए अडिग रहते हैं।