यूपीएससी की चुनौतीपूर्ण परीक्षा में अक्सर वही लोग सफल होते हैं, जिन्होंने अपने शैक्षिक जीवन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया हो। हालांकि, जुनैद अहमद की कहानी इस धारणा को तोड़ती है। जुनैद ने अपने शैक्षिक जीवन में कभी उत्कृष्टता हासिल नहीं की, बल्कि वे एक औसत छात्र रहे। फिर भी, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में असाधारण सफलता प्राप्त की।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नगीना कस्बे से आने वाले जुनैद ने अपनी शुरुआती पढ़ाई वहीं की, और बाद में एएमयू में 12वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। ग्रेजुएशन तक, उनके अच्छे नंबर नहीं आए थे, लेकिन उन्होंने अपने सपने को नहीं छोड़ा।
जुनैद ने यूपीएससी की तैयारी के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग ज्वाइन की और वहां से अपनी तैयारी शुरू की। पहले तीन प्रयासों में उन्हें असफलता हाथ लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास की और 352वीं रैंक हासिल की, जिससे उनका चयन आईआरएस सेवा के लिए हुआ। हालांकि उनका सपना आईएएस अफसर बनने का था। इसलिए उन्होंने फिर से प्रयास किया और पांचवें प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 3 हासिल की।
जुनैद का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी के लिए धैर्य और निरंतर मेहनत बहुत जरूरी है। उनका यह भी मानना है कि आपका पिछला शैक्षिक रिकॉर्ड इस परीक्षा के लिए मायने नहीं रखता। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपनी शैक्षिक कमजोरियों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। जुनैद ने दिखाया है कि कठिनाइयों और बाधाओं के बावजूद, सही रणनीति और मेहनत से किसी भी सपने को सच किया जा सकता है।