यूपीएससी परीक्षा एक ऐसा मंच है, जहां हर वर्ष लाखों युवा अपनी कठिन परिश्रम और उम्मीदों के साथ उत्कृष्टता हासिल करने की आशा में आते हैं। इस यात्रा में कई बार असफलताएं भी मिलती हैं, लेकिन कुछ युवा इन असफलताओं को पार करके अपनी मंजिल को प्राप्त करते हैं। रुचि बिंदल की कहानी भी ऐसी ही है।
रुचि बिंदल ने 2019 में यूपीएससी की परीक्षा में 39वां रैंक हासिल किया। यह उनका पांचवां प्रयास था। इससे पहले चार बार वे असफल रहीं, लेकिन उन्होंने हर असफलता से सीख ली और खुद को और बेहतर बनाया। रुचि की यह यात्रा उन छात्रों के लिए प्रेरणा है जो कई बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानते।
रुचि के अनुसार, प्रीलिम्स और मेन्स, दोनों परीक्षाओं के लिए विशेष रणनीति बनाना जरूरी है। प्रीलिम्स के लिए उन्होंने सबसे पहले उन प्रश्नों को हल करने की सलाह दी जिनके जवाब वे सुनिश्चित थीं, और फिर उन प्रश्नों पर जाने का सुझाव दिया जिनमें वे थोड़ी असमंजस में थीं। इसी तरह, मेन्स के लिए उन्होंने सीमित स्रोतों से अध्ययन करने और बार-बार उन्हें दोहराने की सलाह दी।
रुचि का मानना है कि मॉक टेस्ट और लिखने की प्रैक्टिस यूपीएससी परीक्षा में अहम भूमिका निभाती हैं। उनके अनुसार, जितना अधिक आप लिखेंगे, उतने ही बेहतर अंक आप प्राप्त कर सकते हैं।
रुचि बिंदल का सफलता का सफर और उनके टिप्स उन सभी छात्रों के लिए मार्गदर्शक हो सकते हैं जो यूपीएससी की चुनौतीपूर्ण परीक्षा का सामना कर रहे हैं। उनकी कहानी यह सिखाती है कि संघर्ष, दृढ़ निश्चय और सही रणनीति से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।