जी 20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली के विकास मार्ग को चमकाने का भव्य प्रयास किया गया था, लेकिन महज 30 दिनों के भीतर ही इसकी चमक फीकी पड़ गई है। यह मार्ग, जिसका सौंदर्यीकरण लाखों रुपए खर्च कर किया गया था, अब फिर से अव्यवस्था और अतिक्रमण की चपेट में आ गया है।

सौंदर्यीकरण और उसके बाद की स्थिति विकास मार्ग के सौंदर्यीकरण में करीब 32 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। इसमें सड़क की लाइटिंग, हरियाली और एक विशेष पार्किंग सिस्टम का विकास शामिल था। लेकिन, 30 दिनों के अंदर ही इस मार्ग पर फिर से अतिक्रमण और अवैध पार्किंग की समस्याएं शुरू हो गईं।

पार्किंग सिस्टम की समस्या इस मार्ग पर बनाया गया ‘पैरलल पार्किंग सिस्टम’ अब लगभग गायब हो चुका है। जिस पार्किंग सिस्टम को 225 कारों की क्षमता के साथ विकसित किया गया था, वहां अब अव्यवस्थित और अनियमित तरीके से वाहन पार्क किए जा रहे हैं।

अतिक्रमण और ट्रैफिक समस्याएं इस मार्ग पर अवैध पटरी बाजार, ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा और हाथ रिक्शा का जमावड़ा न सिर्फ यातायात में बाधा पैदा कर रहा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सौंदर्यीकरण के प्रयास अस्थायी रहे।

नाले की समस्या इस क्षेत्र में नाले का बैक मारना एक अन्य समस्या है, जिसे दोबारा बनाने का काम बीच में छोड़ दिया गया था। इससे पानी के बैक मारने की समस्या और गंभीर हो गई है।

इस तरह, विकास मार्ग की खूबसूरती पर लगा ‘ग्रहण’ न केवल इस क्षेत्र की अव्यवस्था को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि शहरी सौंदर्यीकरण के प्रयासों को दीर्घकालिक और सतत बनाने की जरूरत है।

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