कौशिक एचआर की उपलब्धि एक विशेष यात्रा की कहानी है, जिसमें उन्होंने UPSC CSE परीक्षा में दो बार सफलता हासिल की। उनकी यह सफलता 2018 और 2019 के बैचों में आईएएस अधिकारी के रूप में उनके चयन के साथ साबित होती है। कौशिक के लिए, यह यात्रा केवल सफलता की नहीं बल्कि धैर्य, दृढ़ संकल्प, और निरंतर प्रयासों की भी कहानी है।
कौशिक की परीक्षा तैयारी का दृष्टिकोण विस्तृत और समग्र था। प्रारंभिक परीक्षा की बात करें तो, उन्होंने मॉक टेस्ट्स पर विशेष जोर दिया और परीक्षा के प्रत्येक पहलू का गहन विश्लेषण किया। कौशिक ने इस बात पर बल दिया कि केवल परीक्षा देना ही पर्याप्त नहीं है; गलतियों को पहचानना और उन पर काम करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
मुख्य परीक्षा के लिए उनकी तैयारी में आंसर राइटिंग प्रैक्टिस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कौशिक ने बताया कि विस्तृत पठन से भी ज्यादा जरूरी है कि ज्ञान को कैसे प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने आंसर्स में विविधता और गहराई लाने के लिए करेंट अफेयर्स को शामिल किया और प्रस्तुतिकरण के महत्व पर जोर दिया।
साक्षात्कार या व्यक्तित्व परीक्षण के लिए कौशिक ने अपने आप को गहनता से तैयार किया। उन्होंने डिटेल्ड एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) के प्रत्येक शब्द को गंभीरता से समझा और अपने जीवन, रुचियों, और नौकरी के विकल्पों के बारे में गहराई से सोचा।
कौशिक की सफलता की कहानी उन उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा है जो UPSC की कठिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनकी दृढ़ता, रणनीतिक तैयारी, और आत्म-विश्लेषण की क्षमता उनकी सफलता के मुख्य आधार थे। कौशिक का मार्ग दर्शाता है कि कैसे विफलताओं को सबक में बदलकर और निरंतर प्रयासों से उच्चतम सफलता हासिल की जा सकती है।