यूपीएससी परीक्षा भारत में सर्वोच्च प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है। यहाँ पर लाखों उम्मीदवार होते हैं, लेकिन कुछ ही उन्हें सफलता मिलती है। आज हम आपको एक ऐसी उम्मीदवार की कहानी सुनाएंगे, जिन्होंने अपने प्रयासों से साबित किया कि सफलता कोई सीमा नहीं होती।
आईएएस अधिकारी श्रद्धा गोमे का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं पूरी की थी। श्रद्धा की पढ़ाई के दौरान वे सीबीएसई बोर्ड की शहर में टॉपर रही थीं और उन्होंने 12वीं कक्षा में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। उन्होंने लॉ की पढ़ाई के लिए बैंगलोर में स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया से पढ़ाई की, और अपने अध्ययन के दौरान 13 गोल्ड मेडल्स भी प्राप्त किए।
श्रद्धा की सफलता का रास्ता कोई आसान नहीं था। उन्होंने बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और अपने पहले प्रयास में ही 60वीं रैंक हासिल की। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें उस मुकाम तक पहुंचाया जहाँ बहुत कम लोग पहुंच पाते हैं।
श्रद्धा की कड़ी मेहनत और समर्पण ने ही उन्हें अनेकों प्रतिष्ठित परीक्षाओं में टॉप करने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय डिबेट प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया और विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता बनीं। उन्होंने लंदन में अच्छी सैलरी पर नौकरी भी की।
श्रद्धा गोमे की कहानी हमें यह सिखाती है कि यदि हम अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हों, तो कुछ भी संभव है। उन्होंने अपनी मेहनत, संघर्ष और लगन से सफलता की ऊंचाइयों को छूने का साबित किया है, जो हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हो सकता है।