दिल्ली के प्रगति मैदान में बने 1.2 किलोमीटर लंबे टनल में जमीन के नीचे रिसते पानी के लिए पीडब्ल्यूडी ने एक नई प्रयोगशाला की शुरुआत की है। इस तकनीक का उपयोग करके टनल की लीकेज को रोकने की कोशिश की जा रही है। इसमें जमीन के अंदर दरारों के बीच लिक्विड सीमेंट हाईजेट प्रेशर से डाला जा रहा है। प्रगति मैदान गेट नंबर-7 के पास यह प्रयोग किया गया है, और इसे अनुमानित अगले 10 दिनों में पूरी तरह से कामयाबी से समाप्त किया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, टनल में लीकेज के अलावा अन्य कोई गंभीर समस्या नहीं है। लेकिन इस तकनीकी समस्या के कारण एल एंड टी कंपनी पर जुर्माना लगाया गया है। प्रगति मैदान टनल में कुछ जगहों पर ही लीकेज की समस्या है, जो जमीन के अंदर से हो रही है। प्रगति मैदान बेसमेंट पार्किंग-2 में भी एक और जगह पर यह समस्या है।

इस समस्या को दूर करने के लिए एक 5 सदस्यीय एक्सपर्ट कमिटी गठित की गई है। इस कमिटी की जिम्मेदारी है टनल में किसी भी तकनीकी और डिजाइन समस्याओं की जांच करना और समाधान ढूंढना।

प्रगति मैदान टनल में इस समस्या को सुलझाने के लिए 18 अप्रैल तक रात के दौरान टनल को बंद किया जाएगा। यह निर्माण कार्य प्रोजेक्ट के लिए आवंटित किए गए समय सीमा के अनुसार किया जा रहा है। इस अवधि के दौरान, ट्रैफिक की सुविधा के लिए अत्याधुनिक योजनाओं का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, 24 मार्च, 31 मार्च और सात अप्रैल को भी टनल को पूरे दिन बंद किया जाएगा।

प्रगति मैदान टनल में इस समस्या को सुलझाने के लिए विभिन्न उपायों का अभियान चलाया जा रहा है, ताकि नगर के लोगों को आनंदमय और सुरक्षित यात्रा का अनुभव हो सके।

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