यूपीएससी की तैयारी में व्यक्तिगत संघर्षों और असफल प्रयासों के बावजूद भी सफलता की दिशा में बढ़ना एक बड़ी उपलब्धि होती है। इसी तरह की उपलब्धियों से भरपूर एक और यूपीएससी सफलता की कहानी हमें राम्या की जीवन यात्रा से मिलती है।
राम्या का मानना है कि उम्मीदवारों को कभी भी अपनी स्थिति को कमजोर नहीं समझना चाहिए। यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को हमेशा आत्मनिर्भर और प्रेरित रहना चाहिए।
राम्या की सफलता की कहानी एक प्रेरणादायक मिसाल है जो हमें यह सिखाती है कि अगर हमारी मेहनत और आत्मविश्वास मजबूत है तो हम किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
राम्या कोयंबटूर से ताल्लुक रखती हैं और उनका जीवन परिवार के साथ कई चुनौतियों और संघर्षों से भरा है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राम्या ने बचपन से ही कड़ी मेहनत की और हर मुश्किल को पार किया।
राम्या ने 10वीं की परीक्षा के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा में एडमिशन लिया और इसके बाद कोयंबटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने नौकरी की और साथ ही साथ पढ़ाई को भी जारी रखा।
नौकरी के बाद भी राम्या को अपेक्षित सुकून नहीं मिला और उन्हें अपने सपने को पूरा करने का मन बना लिया। साल 2017 में उन्होंने नौकरी छोड़कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया।
राम्या के सफलता का राज है उनकी अवधारणा की प्रतिष्ठा और निरंतर प्रयास। उन्होंने अपने प्रथम पांच प्रयासों में सफलता हासिल नहीं की, लेकिन वे हार नहीं मानी और अपनी तैयारी को बेहतरीन तरीके से संशोधित किया।
राम्या की सलाह है कि उनकी यूपीएससी की तैयारी में जितना सहयोग और समर्थन मिला, उतना ही खुद को मजबूत और आत्मविश्वासी बनाए रखें। उन्हें सलाह दी जाती है कि हार नहीं, लड़ाई जारी रखें।