साल 1890 में ब्रिटिश क्राउन ने अपने उत्पादों के लिए रॉयल एनफील्ड (Royal Enfield) ब्रांड नाम के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. साल 1901 में पहली रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल बनाई गई. इसके बाद आर्मी के लिए इस्तेमाल होने वाली इस बाइक की धमक पूरी दुनिया में बढ़ने लगी. वर्ल्ड वार के समय कंपनी ने ब्रिटिश, अमेरिका, बेल्जियम और रशियन आर्मी के लिए मोटर साइकिलों को निर्मित किया.  

‘बुलेट राजा’ Siddharth Lal कौन है?

आज भारत में ये बाइक शान की सवारी मानी जाती है, लेकिन एक वक़्त ऐसा आया जब यह डूबती रॉयल एनफील्ड हमेशा के लिए बंद होने के कगार पर थी, लेकिन युवा ‘बुलेट राजा’ ने सिर्फ एक मौक़ा मांगा, और फिर से बुलेट के धड़धड़ाहट की गूंज दुनिया में बिखेर दी. साल 1973 में पैदा हुए सिद्धार्थ लाल को 27 साल की उम्र में रॉयल एनफील्ड का सीईओ बनाया गया था,

सिद्धार्थ बचपन से बुलेट के दीवाने थे, लेकिन किसे पता था कि एक दिन ये युवा रॉयल एनफील्ड की डूबती नैय्या के खेवनहार बनेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2000 में जब कंपनी के चेयरमैन विक्रम लाल और सीनियर एग्जीक्यूटिव ने रॉयल एनफील्ड को बंद करने की सलाह दी, तब सिद्धार्थ ने आगे आकर फिर से इसे खड़ा करने की जिम्मेदारी ली और कुछ समय मांगा. 

Royal Enfield को कैसे बनाया सड़कों का बादशाह?

साल 2000 में रॉयल एनफील्ड का सीईओ बनने के चार साल बाद साल 2006 में सिद्धार्थ को आयशर मोटर्स लिमिटेड का सीईओ और एमडी बना दिया गया. उस दौरान उन्होंने कंपनी के लिए कई ऐसे फैसले लिए जिसकी आलोचना हुई. उनकी काबलियत पर भी सवाल उठाए गए थे. दरअसल, सिद्धार्थ लाल ने इस ग्रुप के 15 कारोबार में से 13 को बंद करने का फैसला लिया. 

वे अपना पूरा फोकस रॉयल एनफील्ड और ट्रक पर लगाने के लिए मेहनत करने में जुट गए. कहा जाता है कि सिद्धार्थ ने हजारों किलोमीटर का सफर बाइक से करके लोगों से उनकी पसंद के बारे में जाना और समझा. उस दौरान उन्होंने ने यूथ के मन-मिजाज को टटोला. उनकी प्राथमिकताओं के बारे में जाना. फिर रॉयल एनफील्ड के मॉडल में बदलाव किए. उसकी कमियों को दूर किया.

धीरे-धीरे सिद्धार्थ की मेहनत रंग लाने लगी. निवेशकों का भरोसा कायम किया और महज 2 साल में डूबते हुए रॉयल एनफील्ड को न सिर्फ उन्होंने बचाया, बल्कि एक बार फिर से बुलेट सड़कों पर दौड़ने लगी.   

रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2014 में आयशर मोटर्स लिमिटेड ग्रुप में एनफील्ड की हिस्सेदारी बढ़कर 80 फीसदी हो गई थी. कंपनी ने रॉयल एनफील्ड की क्लासिक 350, हंटर 350, रॉयल इनफील्ड हिमालयन 450, 350 सीसी रॉयल एनफील्ड बुलेट इलेक्ट्रा और थंडरबर्ड मार्केट में उतार कर धूम मचा दी. लोगों ने इसे खूब पसंद किया. एक बार फिर बुलेट मोटरसाइकिलों में सड़कों का राजा बन गया. 

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