शाहेंशाह सिद्दीकी का जीवन प्रेरणादायक उदाहरण है, जो समाज सेवा में अपना समर्पण करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्होंने जीवन के हर मोड़ पर संघर्ष किया है, लेकिन अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कभी नहीं हारा।
शाहेंशाह ने यूपीएससी की तैयारी करते हुए कहा, “हम यूपीएससी को हम ओवररेटेड कर देते हैं, जिससे लड़कों पर प्रेशर आता है। इसके चलते ही वे गलत कदम उठा लेते हैं।” उनकी इस बात से स्पष्ट है कि उन्होंने समाज में मौजूद प्रेशर को महसूस किया और इसे सही दिशा में परिवर्तित करने का प्रयास किया।
शाहेंशाह सिद्दीकी की अनजान बातें भी आश्चर्यजनक हैं। उनके परिवार में समाज सेवा का माहौल था। इसका परिणाम यह हुआ कि उनका प्रेरणास्त्रोत पिता और बड़े भाई समाज के लिए सक्रिय रहे।
उनकी पढ़ाई की शुरुआत नरकटियागंज से हुई, जहां उन्होंने अपनी मूल शिक्षा प्राप्त की। बाद में, उन्होंने टीपी वर्मा कॉलेज से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की, और फिर चेन्नई की विनायक मिशन यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने के बाद भी, शाहेंशाह ने पत्रकारिता का रास्ता चुना। वे न्यूज चैनल एबीपी के शो ‘सनसनी’ की टीम में काम कर चुके थे।
हालांकि, समाज सेवा के उनके जुनून ने उन्हें पत्रकारिता से हटने को मजबूर किया और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का निर्णय लिया।
उनका पांचवा अटेम्प्ट विश्वास के साथ होने के बावजूद भी प्रीलिम्स में अटक गया। लेकिन उन्होंने अपना हौसला कभी नहीं हारा और अंततः उन्होंने यूपीएससी में सफलता प्राप्त की।
उनकी कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरणा, संघर्ष, और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। शाहेंशाह सिद्दीकी जैसे व्यक्तियों की कहानी हमें यह बताती है कि किसी भी मुश्किल से लड़कर हम अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं।