दिल्ली के जनकपुरी इलाके के डी-ब्लॉक में रहने वाले लोगों को महीनों से पानी की किल्लत से निरंतर झेलना पड़ रहा है। यहां कई दिनों तक पानी की आपूर्ति में अस्तित्व ही नहीं है। अगर पानी आता है तो वह इतना गंदा होता है कि उसे पीना संभव नहीं होता।
नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के जनकपुरी डी-ब्लॉक में रहने वाले हजारों लोग पिछले एक महीने से पानी की किल्लत से परेशान हैं। लोगों की शिकायत है कि जैसे ही गर्मी की छुट्टियां शुरू हुईं, पानी की किल्लत बढ़ गई। अब हालात इतने खराब हैं कि सुबह या शाम को पानी ही नहीं आता। कभी-कभार पानी आता है तो वह इतना गंदा होता है कि उसे कोई पीने का सोचता भी नहीं है। जल बोर्ड अफसरों को इस संबंध में शिकायत करने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। जल बोर्ड के टैंकर भी उपलब्ध नहीं हैं। प्राइवेट टैंकर का पानी काफी महंगा है।
जनकपुरी डी-ब्लॉक के लोगों की शिकायत है कि पिछले एक महीने से जनकपुरी के डी-1सी, डी-2ए और डी-1बी ब्लॉक में पानी की किल्लत है। न तो सुबह पानी आता है और न ही शाम को। जल बोर्ड ने टैंकर के लिए जो नंबर उपलब्ध कराएं हैं, उस पर फोन करने पर कोई उठाता ही नहीं है। मजबूरी में प्राइवेट पानी मंगा रहे हैं। 2000 लीटर प्राइवेट टैंकर के लिए टैंकर ओनर्स 2-2 हजार रुपये चार्ज कर रहे हैं। यहां के लोगों की यह भी शिकायत है कि एक फैमिली को हजार लीटर पानी की ही जरूरत है क्योंकि टैंक की क्षमता भी इतनी ही है। इससे अधिक पानी टैंक में स्टोर नहीं हो सकता। प्राइवेट टैंकर ओनर्स इतना पानी देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। मजबूरी में लोगों को एक हजार लीटर पानी के लिए 2 हजार रुपये देना पड़ रहा है।
लोगों की यह भी शिकायत है कि जिन पाइप लाइन से इन तीन ब्लॉकों में पानी सप्लाई होता है, उसमें नांगल राय गांव के पास लीकेज है। जल बोर्ड इंजीनियर्स लीकेज भी ठीक नहीं कर रहे हैं। लीक पानी के लाइनों में ही गांव के लोगों ने कनेक्शन कर पानी डायवर्ट कर लिया है। इससे समस्या और भी बढ़ गई है। जनकपुरी एरिया में पश्चिम विहार कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से पानी सप्लाई होता है। कमांड सेंटर में जिन इंजीनियरों की ड्यूटी है, वह भी इस मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं। इससे लोगों की समस्या और बढ़ गई है। अब यह बताया जा रहा है कि इस एरिया में पानी की दिक्कत दूर करने के लिए कुछ ट्यूबवेल लगाए जा रहे हैं, जिससे पानी सप्लाई किया जाएगा।
इस प्रकार, जनकपुरी इलाके में पानी की किल्लत ने लोगों की जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रखा है। यह समस्या जल्द से जल्द हल किया जाना चाहिए ताकि लोगों को जीवन की निरंतरता में सुधार की संभावना हो सके।