साल 2019 में विशाखा यादव ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 6वीं रैंक हासिल कर सफलता का परचम लहराया। यह उनका तीसरा प्रयास था। पहले दो प्रयासों में वे प्रीलिम्स स्टेज पर ही अटक गई थीं। आइए जानते हैं उनके संघर्ष और सफलता की कहानी।
यूपीएससी की अनिश्चितता और विशाखा का धैर्य
यूपीएससी सीएसई परीक्षा अपने अनिश्चितता के लिए जानी जाती है। कई बार निरंतर प्रयासों के बावजूद सफलता हाथ नहीं लगती। विशाखा यादव ने भी अपने कॉरपोरेट जॉब को छोड़कर इस चुनौतीपूर्ण परीक्षा में हाथ आजमाने का निर्णय लिया। हालांकि, पहले दो प्रयासों में प्रीलिम्स में ही असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः तीसरे प्रयास में 6वीं रैंक प्राप्त की।
विशाखा का पारिवारिक समर्थन और प्रारंभिक जीवन
विशाखा का सिविल सेवा में जाने का सपना बचपन से था। उनका जन्म और प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई। वे हमेशा से मेधावी छात्रा रही हैं और हर कक्षा में उनके अच्छे अंक आते थे। बारहवीं के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की और एक कंपनी में दो साल तक काम किया। लेकिन वहां मन नहीं लगने पर उन्होंने जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी का निर्णय लिया।
पहले दो प्रयासों की गलतियां और सीख
विशाखा ने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में अपने पहले दो प्रयासों की गलतियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने बहुत सारे संसाधन इकट्ठे कर लिए थे, जिससे वे सही से रिवीजन नहीं कर पाईं। दूसरी गलती थी कि उन्होंने मॉक टेस्ट बहुत कम दिए, जिससे उनका अभ्यास नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि मॉक टेस्ट बहुत जरूरी होते हैं, क्योंकि उनसे न केवल यह पता चलता है कि कितने प्रश्न करने पर आप कट-ऑफ निकाल पाते हैं, बल्कि आपकी प्रैक्टिस भी होती है।
निरंतरता और धैर्य का महत्व
विशाखा का मानना है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए निरंतरता बहुत जरूरी है। एक-दो दिन पढ़ने से कुछ नहीं होगा। आपको लगातार कई दिनों और महीनों तक पढ़ाई करनी होती है। उन्होंने बताया कि कई बार इस परीक्षा में सफल होने में अधिक समय लग जाता है, लेकिन ऐसे में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
विशाखा की सलाह
विशाखा यादव अन्य उम्मीदवारों को यही सलाह देती हैं कि निरंतरता बनाए रखें और अपनी गलतियों से सीखें। जहां कमी हो, उसे दूर करें और लगातार मेहनत करते रहें। इन छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखकर आप भी सफलता हासिल कर सकते हैं।
विशाखा की कहानी यह सिखाती है कि धैर्य, निरंतरता और सही रणनीति के साथ किसी भी चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।