दिल्ली में पानी की किल्लत
राजधानी दिल्ली इन दिनों भीषण गर्मी के साथ-साथ पानी की किल्लत से जूझ रही है। कई इलाकों में पिछले कई दिनों से पानी की सप्लाई प्रभावित है, और लोगों को टैंकर के जरिए पानी भेजा जा रहा है। अनुमान है कि अगले कुछ दिनों तक दिल्लीवासियों को पानी की इस किल्लत का सामना करना पड़ेगा।
हरियाणा से पानी की कमी
दिल्ली को हरियाणा से दो मुख्य नहरों के माध्यम से पानी मिलता है। इनमें से एक नहर से पिछले कई दिनों से औसतन 100 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) पानी कम आ रहा है। हालांकि, दूसरी नहर से दिल्ली के कोटे से अधिक पानी मिल रहा है, लेकिन फिर भी दोनों नहरों से दिल्ली को जितना पानी मिलना चाहिए, उससे कम ही मिल रहा है। 1 जून को यमुना का वॉटर लेवल सामान्य से करीब 4 फुट कम रहा, जिससे पानी की समस्या और बढ़ गई।
कच्चा पानी के तीन स्रोत
दिल्ली में कच्चा पानी तीन स्रोतों से आता है, जिसे अलग-अलग वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट कर सप्लाई किया जाता है। हरियाणा की दिल्ली सब-ब्रांच (डीएसबी) नहर से 178 एमजीडी और करियर लाइंड कैनाल (सीएलसी), जिसे मुनक नहर भी कहते हैं, से रोजाना 369 एमजीडी पानी दिल्ली को मिलना चाहिए। दोनों नहरों को मिलाकर कुल 547 एमजीडी पानी दिल्ली को मिलना चाहिए। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से मुनक नहर से जितना पानी मिलना चाहिए, उतना नहीं मिल रहा है। 29 मई को मुनक नहर से 369 एमजीडी के बजाय 272 एमजीडी, 30 मई को 268 एमजीडी और 31 मई को 263 एमजीडी पानी ही मिला। जिससे दिल्ली में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
हैदरपुर और अपर गंगा कैनाल से पानी
दोनों नहरें हैदरपुर के पास मिल जाती हैं और यहां से पानी हैदरपुर प्लांट में जाकर अलग-अलग लाइनों से 9 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों में ट्रीट करने के लिए भेजा जाता है। कच्चा पानी का तीसरा स्रोत उत्तर प्रदेश का अपर गंगा कैनाल है, जिससे 254 एमजीडी पानी दिल्ली को मिलना चाहिए। इस स्रोत से दिल्ली को कोटे की तुलना में रोजाना करीब 3 या 4 एमजीडी अधिक पानी मिल रहा है।
यमुना के वॉटर लेवल में कोई खास सुधार नहीं
दिल्ली में वॉटर सप्लाई की समस्या को कुछ हद तक ठीक करने के लिए जल बोर्ड यमुना से अब अधिक पानी ले रहा है। पहले जल बोर्ड यमुना से 85 एमजीडी पानी ले रहा था, लेकिन अब यह मात्रा 16 एमजीडी अधिक हो गई है। इससे वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी उत्पादन की मात्रा थोड़ी बढ़ी है, लेकिन समस्या अभी भी पूरी तरह से हल नहीं हुई है। जल बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि जब तक हरियाणा से पूरा पानी नहीं मिलेगा, तब तक समस्या का समाधान नहीं हो सकता। कच्चा पानी मिलने पर ही उसे ट्रीट किया जा सकता है।
समाधान की दिशा में प्रयास
दिल्ली सरकार और जल बोर्ड लगातार हरियाणा सरकार से बातचीत कर रहे हैं ताकि पानी की सप्लाई को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा, जल बोर्ड ने स्थानीय स्तर पर भी पानी की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास किए हैं, लेकिन यह उपाय अस्थायी हैं। स्थायी समाधान के लिए हरियाणा से पानी की सप्लाई में सुधार करना अनिवार्य है।
दिल्ली में पानी की किल्लत अभी कुछ दिनों तक बनी रह सकती है। हरियाणा से पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पाने के कारण यह समस्या गंभीर हो गई है। जल बोर्ड और सरकार के प्रयास जारी हैं, लेकिन जब तक हरियाणा से पूरा पानी नहीं मिलेगा, दिल्लीवासियों को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।