माता-पिता के सपने बच्चे ही पूरे करते हैं. वे पसीना बहाते हुए मेहनत करते समय इसी उम्मीद के दम पर जल्दी नहीं थकते कि एक दिन उनका बच्चा उनकी सारी ख्वाहिशें पूरी करेगा. सात समंदर पार जा कर भारत के तिरंगे को शान से फहराने वाली चतरू चौधरी ने भी अपने माता-पिता के ऐसे ही सपने को पूरा किया है. 

इस सफलता के बाद चतरू की बुजुर्ग मां के सपनों को पंख लग गए हैं. जब चतरू कनाडा जाने के लिए जब पासपोर्ट और वीजा बना रही थीं तब उन्होंने अपनी मां पप्पू देवी से यह वादा किया था कि अपनी सफलता के बाद वह उन्हें हवाई जहाज की सैर जरूर कराएंगी. अब चतरू चौधरी कनाडा में अंतरराष्ट्रीय पुलिस गेम्स में गोल्ड मैडल जीतकर वापस लौटी हैं. जिसके बाद उनकी मां लोगों को बड़े गर्व के साथ ये बता रही हैं कि इसी बेटी को बाहर पढ़ने के लिए भेजने पर लोगों ने ताने दिए थे. आज वही बेटी उन्हें हवाई यात्रा कराएगी. चतरू ने भी ये बात कही है कि वह जल्द ही अपनी मां और पिता गुमनाराम के इस सपने को जल्द पूरा करेंगी. 

लोगों के ताने सुन बेटी को पढ़ाया 

चतरू के माता-पिता अनपढ़ हैं. उन्होंने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा लेकिन इसके बावजूद उन्होंने लोगो के तानों और उलाहनों सुनते हुए जी-तोड़ मेहनत की और अपनी बेटी चतरू को पढ़ा लिखकर पुलिस में भर्ती कराया. बायतु उपखण्ड मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर स्थित चतरू के घर तक अभी तक पक्की सड़क नहीं. घर की आर्थिक स्थिति भी हमेशा से कमजोर रही लेकिन उन्होंने कभी अपने इरादों को कमजोर नहीं पड़ने दिया. 

मेहनत मजदूरी कर काबिल बनाया 

उसके पिता गुमनाराम बेटी की सफलता से बेहद खुश हैं. अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने बताया कि अब जब बेटी ने यह सफलता हासिल की है तो उनका हवाई यात्रा का सपना भी जल्दी ही पूरा हो जाएगा. वहीं चतरू की माता पप्पू देवी ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को मेहनत-मजदूरी कर पढ़ाया-लिखाया और इस काबिल बनाया है. अब बेटी जब हवाई जहाज में चढ़कर कनाडा गई तो उनका भी सपना है कि वह एक बार हवाई जहाज में सफर करेगी.

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