टिहरी के मनीष रमोला की सफलता की कहानी
विधियार्थियों के लिए UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा का पास होना सपनों की पूर्ति होती है। इस प्रतिस्पर्धी परीक्षा में सफल होना वाकई कठिन होता है, लेकिन यह भी संभावना होता है। आज हम आपको एक ऐसे युवक की कहानी सुनाएंगे, जिन्होंने टिहरी के अपने सपनों को पूरा किया और UPSC में सफलता प्राप्त की। टिहरी जेल में अपने पिता के साथ बिताए गए समय के बावजूद, मनीष ने अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाया और CAPF (सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स) में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर चयनित होने का सम्मान प्राप्त किया।
टिहरी के मनीष रमोला का जीवन
मनीष रमोला ने अपना जीवन टिहरी जेल में बिताया, जहां उनके पिता कैदी थे। इस दुखद परिस्थिति में भी मनीष ने शिक्षा के प्रति अपनी आस्था को नहीं खोया। उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए उसी जेल में किताबें पढ़ी और UPSC की तैयारी करने का निश्चय किया।
सफलता की कड़ी मेहनत
मनीष ने UPSC की तैयारी के लिए दिन-रात कठिन मेहनत की। उन्होंने लक्ष्य के साथ-साथ अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए समय समय पर सेल्फ-स्टडी की और विशेषज्ञों की मदद भी ली।
UPSC में सफलता की कहानी
मनीष रमोला की मेहनत और लगन ने उन्हें UPSC में सफलता दिलाई। उन्होंने UPSC परीक्षा में सफलता प्राप्त की और CAPF में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर चयनित होने का सम्मान प्राप्त किया।
इस कड़ी मेहनत और संघर्ष की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर किसी के पास सच्ची इच्छा और मेहनत हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है और अपने सपनों को पूरा कर सकता है। टिहरी के मनीष रमोला की सफलता की कहानी हमें प्रेरित करती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, हामेशा आगे बढ़ने का सही मार्ग चुनना ही सफलता की कुंजी होता है।