आपके जानकारी के लिए, बाला नागेंद्रन नेत्रहीन होने के बावजूद पढ़ाई में बहुत होशियार थे और उनके एक शिक्षक के सुझाव पर उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने का निर्णय लिया। उनकी कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणास्पद है जो खुद को किसी भी प्रकार की कमियों से घिरे महसूस करते हैं और यह सोचते हैं कि वे सफल नहीं हो सकते।
बाला नागेंद्रन का जन्म तमिलनाडु में हुआ था, और वे बचपन से ही नेत्रहीन थे। उनके पिता एक टैक्सी चालक थे और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक-ठाक थी। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा को लिटिल फ्लावर कान्वेंट स्कूल और राम किशन मिशन से पूरा किया, और फिर चेन्नई के लोयला कॉलेज से बीकॉम की डिग्री हासिल की।
उनके पिता के रिटायर होने के बाद, वह टैक्सी चलाने लगे थे ताकि उनके परिवार का गुजारा चल सके। इसी बीच, उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने का सपना देखा और उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए किताबों की भाषा को ब्रेल भाषा में ट्रांसलेट करने का निर्णय लिया।
उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें कई असफलताओं के बावजूद उनकी सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने 9वें प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की और अब वे आईपीएस अफसर हैं।