हर साल, भारत में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा यूपीएससी परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस परीक्षा को कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, और हर साल लाखों अभ्यार्थी अपने सपनों को पूरा करने की उम्मीद से इसमें भाग लेते हैं। साथ ही, कुछ निपुण अभ्यार्थी ही अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल कर पाते हैं, और इन अभ्यर्थियों को देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत माना जाता है।

इस कठिन परीक्षा को पास करने की उम्मीद से हर साल लाखों अभ्यार्थी कोचिंग, सेल्फ स्टडी, और इंटरनेट का सहारा लेते हैं, क्योंकि इस परीक्षा में हिस्सा लेने वाले अभ्यार्थियों का मुख्य लक्ष्य यूपीएससी अफसर बनना होता है।

इस परीक्षा में हिस्सा लेने वाले कई अभ्यर्थी ऐसे होते हैं जो अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल कर लेते हैं, जबकि कुछ अभ्यर्थी असफल होने के बाद हार मान लेते हैं, और कुछ ऐसे भी होते हैं जो लगातार असफलताओं से सीखकर सफलता प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

कुछ इसी प्रकार के अभ्यर्थियों में से एक है सलोनी वर्मा, जो अपनी सेल्फ स्टडी को मजबूत बनाकर यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की। सलोनी ने बिना कोचिंग के अपने दूसरे प्रयास में ऑल ओवर इंडिया में 77 वीं रैंक हासिल की और अपने सपने को पूरा किया।

सलोनी वर्मा ने दिखाया कि सेल्फ स्टडी और एक मजबूत रणनीति के साथ, कोचिंग की आवश्यकता नहीं होती है। उनकी कड़ी मेहनत, पोटेंशियल की पहचान, और सही दिशा में पढ़ाई ने उन्हें उनके लक्ष्य की ओर बढ़ने में मदद की।

सलोनी वर्मा का संदेश यह है कि यदि कोचिंग करने में कठिनाई हो, तो सेल्फ स्टडी पर भरोसा रखें, क्योंकि सही दिशा में मेहनत से सफलता अवश्य होगी।”

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