भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का चयन करना एक बड़ी सफलता हो सकती है, लेकिन यह किसी भी व्यक्ति के लिए आसान नहीं होता है। इसमें लगातार मेहनत, संघर्ष, और अद्वितीय प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है, और एक व्यक्ति के संघर्ष का इतिहास इस सफलता को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। दिव्या मित्तल एक ऐसा उदाहरण है जो दिखाता है कि कठिनाइयों का सामना करके भी सपनों को पूरा किया जा सकता है और संघर्ष से ही सफलता हासिल की जा सकती है।

दिव्या मित्तल, एक उच्च शिक्षा के बाद IIT और IIM के छात्र, ने अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण सफलता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए कठिनाइयों का सामना किया। उन्होंने UPSC परीक्षा में बड़ी मेहनत की और अपनी प्रियमिकता को पूरा करने के लिए अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर किया।

UPSC परीक्षा में विफलता का सामना करने के बावजूद, दिव्या ने हार नहीं मानी और फिर से तैयारी करना शुरू किया। उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगातार मेहनत की और आखिरकार UPSC परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने UPSC परीक्षा में “ऑल इंडिया 68वीं रैंक” हासिल की और IAS के पद को प्राप्त किया।

दिव्या मित्तल की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता का सफर कभी-कभी कठिनियों से भरपूर होता है, लेकिन सही मेंनत और संघर्ष से कुछ भी संभव है। उनका सफलता सपनों को पूरा करने के लिए अद्वितीय प्रतिबद्धता का परिणाम है, और यह हमें यह याद दिलाता है कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए संघर्ष का सामना करना आवश्यक होता है।

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