कई लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयों का सामना करते हैं, लेकिन वे लोग, जो हार नहीं मानते, हमें अपने सपनों की दिशा में आगे बढ़ने का संदेश देते हैं। यह कहानी एक ऐसे युवा की है, जिन्होंने अपने जीवन की हर कठिनाई को पार किया और उच्च उड़ान भरने का संकल्प बनाया।

अगर आपको लगता है कि सपने सिर्फ अमीरों की खासियत हैं तो यह कहानी आपके दृष्टिकोण को बदल सकती है। यह विशेष कहानी है एक युवा की, जिनके पिता टैक्सी चालक थे और जिन्होंने दो बार UPSC परीक्षा में असफल होने के बाद भी आईएएस अफसर बनने का संकल्प निभाया।

सपनों का सफर:

इस कहानी का हीरो है अज़हरूद्दीन, जो केरल के एक छोटे से गांव से हैं। उनके पिता टैक्सी चालक थे और उनका परिवार गरीबी की लड़ाई लड़ रहा था। अपने परिवार की सहायता करने के लिए वे छोटे से गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने लगे। वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयों का सामना कर रहे थे, लेकिन वे कभी नहीं हारे।

सपनों का पीछा करना:

अज़हरूद्दीन के पिता की कम आय के कारण वे अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल नहीं भेज सकते थे, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई का महत्व समझा और उन्हें सरकारी स्कूल में जाने की संभावना दिलाई। अपने गरीबी के बावजूद, अज़हरूद्दीन ने पढ़ाई में मन लगाया और प्राइवेट स्कूल के बच्चों के साथ बराबरी करने की कोशिश की।

वे सफलता की ओर अग्रसर हुए और स्कूल में ही उन्होंने कई विशेषज्ञता विषयों में मास्टर किया। यह एक मिसाल है कि आपकी पढ़ाई के लिए आपके पास कितना पैसा है, यह महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आपके संकल्प और मेहनत का।

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