भारत की सबसे कठिन परिक्षाओं में से एक है, यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (UPSC) की परीक्षा. हर साल लाखों अभ्यर्थी सिविल सेवा में सफलता पाने का सपना देखते हैं, लेकिन कुछ छात्र ऐसे होते हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए जीवन की सबसे बड़ी मुश्किलों का सामना करते हैं। तृप्ति भट्ट (IPS Trupti Bhatt) भी उनमें से एक हैं।
कुछ लेखों के मुताबिक उत्तराखंड के अल्मोड़ा से हैं IPS तृप्ति भट्ट. उन्होंने एक शिक्षक परिवार में जन्म लिया था और वह चार भाइयों और बहनों में सबसे बड़ी थीं। तृप्ति को बचपन से ही पढ़ाई में दिलचस्पी थी और उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने का निर्णय लिया।
तृप्ति ने अपनी स्कूली शिक्षा बियरशेबा स्कूल से प्राप्त की और उसके बाद 12वीं कक्षा की पढ़ाई केन्द्रीय विद्यालय से की। 12वीं के बाद, उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।
2010 में इंजीनियरिंग पासआउट होने के बाद, तृप्ति को कई प्राइवेट कंपनियों से जॉब ऑफर्स मिले, लेकिन उनका लक्ष्य UPSC की परीक्षा को पास करना था। वह अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह समर्पित थी और उन्होंने इसके लिए कठिन मेहनत की।
तृप्ति ने 2013 में पहली बार UPSC की परीक्षा दी और पहले ही अटेम्प्ट में एयर 165 रैंक हासिल की, जिससे उन्हें IPS के पद पर सेलेक्ट किया गया।
सरकारी नौकरी का सपना लगभग हर दूसरे भारतीय छात्र का होता है, लेकिन तृप्ति को समाज के लिए कुछ अधिक करने का जज्बा था। उन्होंने कई सरकारी नौकरियों को ठुकराया ताकि वह UPSC की तैयारी कर सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें।
तृप्ति भट्ट की सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयों का सामना करने और अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सही दिशा में मेहनत करने से हम किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। तृप्ति की यह सफलता उनकी मेहनत, समर्पण, और आत्मविश्वास का परिणाम है, और वह अब समाज के लिए सेवा कर रही हैं, जिससे हम सभी को गर्व होता है।