मखाना, जिसे फ़ॉक्स नट या फ़ॉड़ी फ़ॉक्स नट के नाम से भी जाना जाता है, आजकल सुपर फूड के रूप में बड़ी चर्चा में है। यह खासतर से व्रत और पूजा में उपयोग किया जाता है, लेकिन इसके अनगिनत स्वास्थ्य लाभों की भी खबर है।

किसानों की खेती: बदलती किस्मत

बिहार के सीमांचल के किसानों की कहानी इसके प्रमुख साकार उदाहरण है। यहां के किसानों ने अदो तिहाई हेक्टेयर बेकार ज़मीन को मखाने की खेती में बदल दिया है, और इससे वे लाखों रुपये कमा रहे हैं।

सुपर फूड का नाम: ऑर्गेनिक और पौष्टिक

मखाने को सुपर फूड के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसकी खेती के लिए किसी तरह के कीटनाशक या खाद का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है, इसे ऑर्गेनिक फूड भी कहा जाता है। मखाने में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज लवण, फॉस्फोरस, और लौह पदार्थ होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।

विभिन्न राज्यों में खेती का बढ़ता सफर

देश के विभिन्न हिस्सों में मखाने की खेती बढ़ रही है। बिहार के सीमांचल, मिथिलांचल, पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और मणिपुर में मखाने की खेती की जाती है। इसके प्रमुख केंद्र हैं बिहार के पूर्णिया, कटिहार, अररिया, और मधुबनी जिले, जो इस फसल की उत्पादन में अग्रणी हैं।

मखाने की खेती: एक मुनाफेदार कदम

मखाने की खेती वाली खेत को उच्ची जलस्तर पर रखने के बाद पानी को कम किया जाता है, जिससे यह पानी के साथ मिलकर बढ़ सकता है। जब पानी का स्तर घट जाता है, तो मखाने के पौधे जमीन के स्तर पर आ जाते हैं, और फिर किसान इन्हें पानी से बाहर निकालता है। यह प्रक्रिया आवश्यक सावधानी और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप किसानों को बड़ा मुनाफा मिलता है।

आसपास के राज्यों में बढ़ रही है खेती की व्यापकता

अब छिटपुट तरीके से दूसरे राज्यों के किसान भी मखाने की खेती करने लगे हैं, और उन्हें इसमें सफलता मिल रही है। कुछ किसान इसे अपने सामान्य खेतों में उगाने के लिए भी चुकता कर रहे हैं, और इससे वे अच्छे मुनाफे कमा रहे हैं।

अच्छा मुनाफा: किसानों के लिए खुशियां

मखाने की खेती के साथ, किसानों का मुनाफा बढ़ गया है। कहा जाता है कि एक हेक्टेयर की खेती में 28 से 30 क्विंटल तक पैदावार की जा सकती है, और इसका मुनाफा 60 से 80 हजार रुपये तक हो सकता है। इसलिए, खेती के क्षेत्र में मखाने की खेती का एक बड़ा सकारात्मक परिणाम दिखा रहा है, और किसानों के लिए खुशियां लेकर आ रहा है।

इसलिए, मखाने की खेती का यह नया दिन है जो किसानों के लिए समृद्धि का स्रोत बन रहा है और साथ ही सुपर फूड के रूप में हमारे लिए एक स्वास्थ्यपूरक विकल्प भी है। इसके साथ ही यह हमें ऑर्गेनिक फूड की ओर बढ़ा रहा है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।

Rohan a young news writer and reporter with 2 years of experience, excels in content writing, latest news analysis, and ground reporting. His dedication to delivering accurate and timely information sets...