विनीता की कहानी, चमोली:

उत्तराखंड राज्य में बेटियों की सफलता के प्रति एक मिथक धारणा है कि यहां की होनहार बेटियां न केवल अपने परिवारों का गर्व हैं, बल्कि वे अपने राज्य का नाम भी रोशन कर रही हैं। उनकी सफलता की कहानियां हमें हमेशा प्रेरित करती रहती हैं। इसी तरह की एक और सफल बेटी की कहानी हम आपको सुनाने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष के बावजूद नर्सिंग अधिकारी के पद पर अपना मुकाम हासिल किया है।

विनीता, जो मूल रूप से उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायणबगढ़ विकासखण्ड के बुंगा गांव की निवासी है, ने NORCET-4 (Nursing Officer Recruitment Common Eligibility Test) परीक्षा में सफलता पाई है और इसके बाद उन्हें ऋषिकेश के AIIMS में नर्सिंग अधिकारी के रूप में काम करने का मौका मिला है।

विनीता ने अपने शिक्षा का सफर SGRR स्कूल, नारायणबगढ़ में शुरू किया और इंटरमीडिएट की पढ़ाई SGRR देहरादून से की। इंटर के बाद, विनीता ने राजकीय नर्सिंग कॉलेज, चमोली से बीएससी नर्सिंग में अपनी डिग्री पूरी की। परीक्षा में सफलता पाने से पहले, विनीता ने सहसपुर, देहरादून में सामूहिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) के पद पर काम किया था।

विनीता के पिता दलबीर एक भारतीय सेना के अधिकारी हैं, और उनकी मां बसंती देवी एक कुशल गृहिणी हैं। विनीता की सफलता ने उनके परिवार और उनके क्षेत्र में हर्षोल्लास का माहौल पैदा किया है, और उन्हें बधाइयां और शुभकामनाएं भी मिल रही हैं। विनीता की इस सफलता के साथ ही, उन्होंने अपने सपनों को हकीकत में बदलने का संकल्प दिखाया है।

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