UPSC Success Story: यश चौधरी (Yash Chaudhary) का बचपन से ही आईएएस बनने का सपना था, जिसे उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर पूरा किया। यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा के नतीजे की घोषणा होने के बाद, यश चौधरी ने 6वीं रैंक हासिल करके अपने परिवार का गर्वित सिर ऊंचा किया।
सपनों का शिकार: यश का सफर
यश चौधरी (Yash Chaudhary) अमरोहा के सादात तहसील के गांव नौगांवा के रहने वाले हैं। उनके पिता नौनिहाल सिंह एक किसान हैं, उनकी मां राकेश देवी एक गृहणी हैं। यश चौधरी दो भाई और एक बहन में सबसे छोटे हैं। वह 2018 से यूपीएससी की तैयारी में जुटे हुए थे। यश के सफलता का पूरा श्रेय उनके माता-पिता को जाता है, जो उन्हें हर कदम पर साथ दिए और उनके सपनों को साकार करने में मदद की।
सफलता का सफर
2019 में यश का चयन सीआरपीएफ (CRPF) में असिस्टेंट कमांडेंट (Assistant Commandant) के पद पर हो गया था, लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी जारी रखी और 2022 में 6वीं रैंक हासिल किया। उनका संघर्ष और मेहनत ने उन्हें उनके प्रिय सपने को पूरा करने में मदद की, और वे अब अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं।
सफलता का संदेश
यश चौधरी की सफलता कहानी हमें यह सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत, संघर्ष, और सही मार्गदर्शन का महत्व होता है। वह अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए किसी भी परिस्थितियों में हार नहीं मानते और यह दिखाते हैं कि अगर कोई व्यक्ति मेहनत से अपने सपनों का पीछा करे तो उन्हें सफलता जरूर मिलती है। उनकी कहानी युवाओं को सोचने और कर्मठता के महत्व को समझने के लिए प्रोत्साहित करती है।
यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में यश चौधरी की सफलता हमें यह दिखाती है कि सफल होने के लिए उम्र का कोई महत्व नहीं होता, बल्कि मेहनत और आत्मविश्वास का महत्व होता है। उन्होंने दिखाया कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए सही मार्ग पर चलना और कठिनाइयों का सामना करना महत्वपूर्ण होता है, और इससे हम सभी कुछ पा सकते हैं।
यश चौधरी की यह सफलता कहानी एक प्रेरणास्त्रोत है जो हर कोई अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपनी मेहनत और संघर्ष से प्रेरित हो सकता है।