भारतीय क्रिकेट के प्रशंसकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय टेस्ट टीम के स्तंभ, चेतेश्वर पुजारा ने अचानक संन्यास की घोषणा कर दी है। इस खबर ने न केवल उनके चाहने वालों को चौंकाया है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
- चेतेश्वर पुजारा: राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद का नया ‘द वॉल’: पुजारा को राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद भारतीय टेस्ट टीम का नया ‘द वॉल’ माना जाता था। उनकी स्थिरता और तकनीक ने उन्हें विश्व क्रिकेट में एक विशेष स्थान दिलाया। हालांकि, बीसीसीआई के नई प्रतिभाओं को मौका देने के निर्णय ने पुजारा के करियर को एक नई दिशा में मोड़ दिया। उनका घरेलू और काउंटी क्रिकेट में सक्रिय रहना इस बात का प्रमाण है कि वे अभी भी फिट और फॉर्म में हैं।
- लगातार दूसरी सीरीज में नजरअंदाज: जून 2023 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में, जहां सभी बल्लेबाजों ने निराश किया, वहीं पुजारा पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया। इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया, जिससे उनके करियर पर प्रश्नचिह्न लग गया।
- युवा प्रतिभाओं का उदय: यशस्वी जायसवाल, ऋतुराज गायकवाड़, और शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ियों के उदय ने पुजारा की टीम में वापसी की संभावनाओं को कम कर दिया है। इन युवा खिलाड़ियों की आक्रामक बल्लेबाजी शैली और टेस्ट क्रिकेट में उनकी अहमियत ने पुजारा के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं।
- पुजारा का योगदान: पिछले एक दशक में, पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी खामोशी और दृढ़ता के साथ भारतीय टीम की सेवा की है। 103 टेस्ट मैचों में 7195 रन बनाने वाले पुजारा के नाम 19 शतक और 35 अर्धशतक हैं, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 206 नाबाद है।
चेतेश्वर पुजारा का अचानक संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग के अंत का सूचक है। उनकी तकनीकी कुशलता और धैर्य उन्हें एक विशेष खिलाड़ी बनाती है, और उनके योगदान को हमेशा सराहा जाएगा। उनके संन्यास के साथ, भारतीय क्रिकेट एक महान खिलाड़ी को खो रहा है।