सौम्या शर्मा की सफलता की कहानी एक प्रेरणास्रोत है। उनका जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली से ही प्राप्त की और बाद में नेशनल लॉ स्कूल से लॉ की डिग्री हासिल की। जब सौम्या लॉ के अंतिम साल में थीं, तब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का निश्चय किया।
उनके सफर में अनेक चुनौतियाँ आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 2017 में, उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और नौवीं रैंक हासिल की। उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि अन्य उम्मीदवारों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी।
सौम्या ने यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत कम समय में कठिन परिश्रम किया। उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें पहले ही प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा पास करने में मदद की। इसके बाद, मेन्स परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्हें तेज बुखार हुआ और वह बेहोशी की हालत में भी आ गईं, लेकिन इन सभी बाधाओं के बावजूद वह अडिग रहीं और परीक्षा में भाग लिया।
उनकी इस अदम्य इच्छा शक्ति और संघर्ष की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो कठिन परिस्थितियों में भी सफलता पाने का सपना देखते हैं। सौम्या शर्मा ने न केवल यूपीएससी की परीक्षा पास की, बल्कि उच्च रैंक हासिल करके एक उदाहरण स्थापित किया। आज वह एक योग्य अधिकारी के रूप में देश की सेवा कर रही हैं। उनकी कहानी यह सिखाती है कि कठिन परिश्रम और लगन से किसी भी मुश्किल का सामना किया जा सकता है और सपनों को साकार किया जा सकता है।