UPSC सफलता की कहानी: आईएएस एग्जाम में सफलता पाने के लिए जज्बे की जरूरत होती है. राजस्थान के रहने वाले अभिषेक सुराणा ने भी इसी जज्बे की बदौलत साल 2017 में यूपीएससी में 10वीं रैंक हासिल की.
आईएएस अभिषेक सुराणा की सफलता की कहानी एक प्रेरणास्पद है, जो उनके जज्बे और संघर्ष का परिणाम है। यूपीएससी एग्जाम में सफल हो पाना हर किसी के लिए आसान नहीं है, लेकिन अभिषेक ने अपने संकल्प से इस मुश्किल को पार किया। आइए, हम आपको बताते हैं उनकी प्रेरणादायक कहानी.
अभिषेक सुराणा ने अपनी पढ़ाई की शुरुआत राजस्थान के भीलवाड़ा से की थी, और उन्होंने अपने मानसिक और शिक्षा जीवन को मजबूती से बनाया। उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आईआईटी का परीक्षा दिया, और इसमें सफल रहे। इसके बाद, उन्होंने आईआईटी दिल्ली में प्रवेश प्राप्त किया, जहां उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, वे विदेश गए और कई सालों तक नौकरी की, फिर खुद का व्यापार शुरू किया।
हालांकि, उन्हें व्यापार में सफलता मिली, लेकिन कुछ समय बाद उनका व्यापार उन्हें संतोषपूर्ण नहीं किया, और वे भारत वापस आ गए। यहां उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की, और एक और रोशनी की ओर बढ़ते हुए अब वे आईएएस अधिकारी बन चुके हैं।
अभिषेक सुराणा को यूपीएससी परीक्षा में उनके पहले दो प्रयासों में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत की। उनके तीसरे प्रयास में पास होने के बावजूद, उनकी रैंक 250वीं आई, जिसके कारण उन्हें आईएएस सेवा नहीं मिली। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और एक और प्रयास किया, जिसमें उन्होंने 10वीं रैंक प्राप्त की।
अब्भीषेक सुराणा की सलाह:
आईएएस अधिकारी अभिषेक सुराणा कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते समय, उम्मीदवार को प्री परीक्षा पर अधिक ध्यान देना चाहिए। प्री परीक्षा को पास करने के बाद, उम्मीदवार को मेन्स परीक्षा के लिए एक रणनीति बनानी चाहिए और कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उनका मानना है कि उम्मीदवार को लिमिटेड किताबों का उपयोग करके तैयारी करना चाहिए और बार-बार रिवीजन करना चाहिए। उन्हें यह सलाह देने का मानना है कि जितना ज्यादा रिवीजन और उत्तर लेखन का प्रैक्टिस करेंगे, उतना ही आपको परीक्षा में फायदा होगा।
अभिषेक सुराणा की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हमारे पास सही दिशा और संघर्ष की भावना हो, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। वे अपनी मेहनत, संघर्ष, और अद्भुत इस्तीकबल के साथ आईएएस अधिकारी बने हैं, और उनकी कहानी हम सभी को प्रेरित करती है कि हम भी अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।