यूपीएससी की कठिन परीक्षा में सफलता हासिल करना कई अभ्यर्थियों का सपना होता है। इसी सपने को साकार करने में बिसखा जैन ने अपने पांचवें प्रयास में सफलता प्राप्त की। उनकी यह सफलता उनके अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय की गाथा है।
बिसखा जैन ने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा दी, लेकिन सफल नहीं हो पाई। दूसरे प्रयास में वह साक्षात्कार तक पहुंची, लेकिन फिर भी उनका सपना अधूरा रहा। तीसरे प्रयास में भी उन्हें असफलता हाथ लगी। इन असफलताओं के बाद, उन्होंने एक कॉरपोरेट कंपनी में नौकरी करने का निर्णय लिया।
इसके बावजूद, बिसखा ने अपनी तैयारी जारी रखी। उन्होंने चौथे प्रयास में प्रीलिम्स पास किया, लेकिन मेन्स में असफल रहीं। उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पांचवें प्रयास में फिर से तैयारी शुरू की। इस बार उनकी कठिन परिश्रम का फल मिला और उन्हें IAS के रूप में चयनित किया गया।
बिसखा जैन का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता के लिए असफलताओं से डरना नहीं चाहिए। उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया और इसी बदलाव ने उन्हें सफलता दिलाई। उनकी यह कहानी उन सभी अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा है, जो यूपीएससी की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनका संदेश है कि साहस और धैर्य के साथ तैयारी जारी रखने से सफलता निश्चित रूप से मिलती है।