IAS अनुराग की सफलता की कहानी: एक प्रेरणा स्रोत
यूपीएससी की तैयारी करने वाले लाखों अभ्यर्थियों के बीच, आईएएस अनुराग की कहानी एक मिसाल के रूप में उभरी है। उनकी सफलता की कहानी दूसरों को प्रेरणा देती है।
यूपीएससी परीक्षा में सफलता के कदम
यूपीएससी परीक्षा में कुछ लोग शुरू में अच्छे नहीं होते, लेकिन वे ईमानदारी से मेहनत करके सफलता प्राप्त करते हैं। बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले अनुराग की कहानी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है।
अनुराग ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई में बिल्कुल रुचि नहीं रखते थे, लेकिन जब उन्होंने आईएएस बनने का फैसला किया, तो उन्होंने अपने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
सफलता के लिए मेहनत और संघर्ष
अनुराग ने हिंदी स्कूल में पढ़ाई की और हाई स्कूल में अंग्रेजी पाठ्यक्रम में दाखिला लिया। इसके बावजूद, उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने मेहनत से हाई स्कूल में अच्छे नंबर हासिल किए।
उन्हें इंटरमीडिएट में भी अच्छे अंक मिले, जिसकी बदौलत उन्हें दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला मिला। ग्रेजुएशन के दौरान उनका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था, लेकिन इसके बावजूद वे कई विषयों में पास नहीं हो पाए। इसके बावजूद, जब उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की ओर बढ़ने का फैसला किया, तो उन्होंने आईएएस बनने का फैसला किया।
सपनों को पूरा करने का संकल्प
जब अनुराग ने यूपीएससी में क्लियर करने का फैसला किया, तो उन्होंने ईमानदारी से मेहनत करना शुरू किया और पहले ही प्रयास में सफल रहे। हालांकि इस बार उन्हें उम्मीद की तरह आईएएस रैंक नहीं मिली, तो वे फिर से प्रयास करने में हिचकिचाएं नहीं।
दूसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को पास कर लिया, और 2018 में 48वीं रैंक हासिल की।
सलाह और संदेश
अनुराग दूसरे कैंडिडेट्स को यह सलाह देते हैं कि सिविल सर्विस की तैयारी के लिए आप जीरो से शुरू करके इस परीक्षा में सफल हो सकते हैं। यूपीएससी की परीक्षा देने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। सबसे पहले इसके सिलेबस को अच्छी तरह समझें, फिर योजना बनाने के लिए उसके अनुसार काम करें, और अपनी तैयारी में पूरी मेहनत और लगन से काम करें।
अनुराग की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सफलता के लिए मेहनत और संघर्ष का सामना करना होता है, और सपनों को पूरा करने के लिए एक मजबूत संकल्प चाहिए।