भारत में, यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) की परीक्षा अत्यंत कठिन और प्रतिष्ठित मानी जाती है। इस परीक्षा में सफलता पाना हर युवा का सपना होता है। इसी सपने को साकार करते हुए, नमिता शर्मा ने अपनी अदम्य इच्छा शक्ति और कठिन परिश्रम के बल पर यूपीएससी की परीक्षा में विशेष स्थान प्राप्त किया।

नमिता ने इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद, आईबीएम कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया। हालांकि, उनका असली लक्ष्य हमेशा से सिविल सेवाओं में अपना करियर बनाना था। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए, नमिता ने अपनी नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं।

नमिता शर्मा

नमिता ने यूपीएससी की प्री-परीक्षा में चार बार असफलता का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका मानना था कि कड़ी मेहनत और सही रणनीति के साथ, सफलता अवश्य मिलेगी। उनका यह विश्वास और दृढ़ संकल्प उन्हें पांचवें प्रयास में सफलता दिलाने में सहायक रहा।

वर्ष 2018 में, नमिता ने UPSC CSE में 145वीं रैंक हासिल की और अपने सपने को साकार किया। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो सिविल सेवाओं में अपना करियर बनाना चाहता है।

नमिता ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए अच्छी रणनीति और टाइम मैनेजमेंट बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी जोर दिया कि प्रत्येक उम्मीदवार को अपने आप को हर दिन बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और परीक्षा में सफलता के प्रति आत्मविश्वास रखना चाहिए। नमिता शर्मा की कहानी यह सिखाती है कि दृढ़ संकल्प और सतत प्रयास से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।

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