हिमांशु गुप्ता: एक गांव से आईएएस तक का सफर
हिमांशु गुप्ता, एक साधारण परिवार से आते हैं जो उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के एक छोटे से कस्बे में रहते हैं। उनके पिता एक दुकान चलाते हैं। उन्होंने अपने गांव में रहकर ही सिविल सेवा की तैयारी की और उसमें सफलता प्राप्त की। हिमांशु ने अपनी मेहनत और लगन से एक ऐसी मिसाल कायम की है जो उन सभी के लिए प्रेरणा है जो बड़े शहरों और कोचिंग संस्थानों के बिना अपने सपने को साकार करना चाहते हैं।
कोरोना महामारी के दौरान तैयारी
कोरोना महामारी के चलते जब कई कोचिंग संस्थान बंद हो गए, हिमांशु ने इसे अपने लिए एक अवसर के रूप में देखा। उन्होंने घर बैठकर पढ़ाई की और इंटरनेट का सहारा लिया। उनकी इस रणनीति ने उन्हें यूपीएससी परीक्षा 2020 में सफलता दिलाई।
आत्मनिर्भरता और स्व-अध्ययन
हिमांशु ने अपनी तैयारी के लिए एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ा और फिर स्टैंडर्ड बुक्स से अध्ययन किया। उन्होंने कोचिंग की जगह स्व-अध्ययन को चुना और इंटरनेट से अपने नोट्स तैयार किए। उनका मानना है कि सफलता के लिए निरंतर पढ़ाई और नियमित अखबार पढ़ना अत्यंत आवश्यक है।
सलाह अन्य उम्मीदवारों के लिए
हिमांशु ने अपनी सफलता की रणनीति के बारे में बताते हुए कहा कि जो लोग छोटे शहरों या गांवों में रहते हैं, उन्हें इंटरनेट का उपयोग करके और कड़ी मेहनत करके अपने सपनों को साकार करना चाहिए। उनका मानना है कि नियमित अध्ययन और सही समय प्रबंधन से यूपीएससी की परीक्षा को पास किया जा सकता है।
हिमांशु गुप्ता की यह कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणास्रोत है जो बड़े संसाधनों के बिना भी अपने सपनों को सच करने की राह में अग्रसर हैं। उनकी यह सफलता यह दिखाती है कि कठिन परिश्रम, आत्म-विश्वास और सही दिशा में लगन से कोई भी बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकता है।