सिविल सेवा परीक्षा में उत्कृष्ट रैंक प्राप्त करने की यात्रा कई बार निराशा और चुनौतियों से भरी होती है। ममता यादव, जिन्होंने यूपीएससी 2020 परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 5 हासिल की, उनकी कहानी इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है। ममता ने अपने पहले प्रयास में 556 रैंक हासिल की थी, जो उनके लिए आईएएस बनने का सपना पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थी। उनकी यह सफलता उनकी दृढ़ता और समर्पण का प्रमाण थी।

आईएएस ममता यादव

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के बसई गांव की रहने वाली ममता ने अपने शुरुआती शिक्षा के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। उनकी पढ़ाई में रुचि और लगन उनकी सफलता के मुख्य कारण थे। ममता की रणनीति आधारित तैयारी ने उन्हें न केवल यूपीएससी में सफलता दिलाई बल्कि उन्हें एक उत्कृष्ट रैंक भी प्राप्त करवाई।

ममता की तैयारी की रणनीति सरल और प्रभावी थी। उन्होंने सबसे पहले यूपीएससी के सिलेबस का गहराई से अध्ययन किया और एनसीईआरटी की किताबों से अपनी नींव मजबूत की। उनके अध्ययन में मॉक टेस्ट, आंसर राइटिंग प्रैक्टिस और नियमित रूप से तैयारी का विश्लेषण शामिल था। उनकी इस रणनीति ने उन्हें दूसरे प्रयास में बेहतर रैंक दिलवाई।

ममता का मानना है कि सिविल सेवा की तैयारी के लिए एक अच्छा शेड्यूल, समय-समय पर तैयारी का विश्लेषण और गलतियों को सुधारना अत्यंत आवश्यक है। उनकी यह सलाह सभी यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें यह उपलब्धि दिलाई और वह अन्य युवाओं के लिए एक प्रेरक उदाहरण बन गईं।

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