पूनम गौतम की यात्रा एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी है जो दर्शाती है कि कैसे दृढ़ विश्वास और कड़ी मेहनत से कोई भी अपने सपनों को सच कर सकता है, भले ही वो संघर्षों से भरा क्यों न हो।
पूनम का जीवन यह सिद्ध करता है कि शादी और मातृत्व के बाद भी महिलाएं अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं। उन्होंने अपने परिवार और छोटे बच्चे को छोड़कर, अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाए। यह यात्रा आसान नहीं थी, विशेष रूप से तब जब उन्हें अपने बच्चे को छोड़कर दिल्ली में तैयारी करनी पड़ी और उन्हें लोगों के तानों का सामना करना पड़ा।
पूनम ने अपनी पढ़ाई हिंदी मीडियम से की और सिविल सेवा की तैयारी के दौरान उन्होंने नेगेटिव लोगों से दूरी बनाई। उनकी इस यात्रा में अनेक चुनौतियाँ और असफलताएं आईं, लेकिन उन्होंने हर बार इससे सीखा और आगे बढ़ीं।
पूनम की सफलता की रणनीति स्पष्ट थी – सिलेबस के अनुसार स्टडी मैटेरियल की तैयारी, सही रणनीति का निर्धारण, और लगातार मेहनत करना। उन्होंने प्री, मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी अलग-अलग तरीके से की और हमेशा अपने आत्मविश्वास को उच्च रखा।
पूनम की यह कहानी उन सभी के लिए एक मार्गदर्शक प्रेरणा है जो जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहते हैं। उनका संदेश स्पष्ट है: कड़ी मेहनत, निरंतर प्रयास और सकारात्मकता आपको आपके सपनों तक पहुँचा सकती है।