आज हम आपको हिमांशु नागपाल की प्रेरणादायक कहानी से रूबरू कराएंगे, जिन्होंने जीवन की कठिनाइयों को पार कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना साकार किया। हरियाणा के हिसार जनपद के भूना गाँव में जन्मे हिमांशु, जिनका प्रारंभिक शिक्षा का सफर भूना और हांसी से गुजरते हुए, हिंदी माध्यम से होता हुआ, दिल्ली के प्रतिष्ठित हंसराज कॉलेज में कॉमर्स में दाखिले तक पहुंचा।

हिमांशु नागपाल

जीवन की इस यात्रा में, हिमांशु को गहरे दुखों का सामना करना पड़ा। एक दुखद घटना में उनके पिता की असमय मृत्यु हो गई, जिसने हिमांशु को भीतर तक हिला दिया। इसके कुछ ही समय बाद, उनके भाई का भी देहांत हो गया। यह समय उनके लिए अत्यंत कठिन था। लेकिन हिमांशु ने हार नहीं मानी। उनके चाचा ने उन्हें संभाला और फिर से पढ़ाई की ओर उनका मार्गदर्शन किया।

हिमांशु ने इस दुखद अवधि को अपनी शक्ति में बदला और ठान लिया कि वह यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास करेंगे। उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने रंग लाया, और मात्र 22 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। हिमांशु की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी बाधाएं आएं, अगर हमारा इरादा मजबूत हो और हमारी मेहनत सच्ची हो, तो सफलता निश्चित ही हमारे कदम चूमती है।

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