दिल्ली के नरेला क्षेत्र से निकली एक सामान्य लड़की, नुपुर गोयल, ने अपने संघर्ष और कठिन परिश्रम से उन सभी धारणाओं को तोड़ा जो समाज में लड़कियों की शिक्षा के प्रति बनी हुई थी। डीएवी कॉलेज से अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की और फिर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की पढ़ाई की।
नुपुर का यूपीएससी की ओर झुकाव उनके चाचा से प्रेरित था, जिन्होंने खुद यूपीएससी की परीक्षा दी थी लेकिन सफल नहीं हो पाए थे। उनकी कहानी ने नुपुर को आईएएस बनने की प्रेरणा दी। साल 2014 में, उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी के प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा तो पास कर ली, लेकिन इंटरव्यू में सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्हें लगातार असफलताएं हाथ लगीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
इस दौरान, नुपुर ने इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी नौकरी की। उनका यह सफर आखिरकार 2019 में उनकी जीत के साथ समाप्त हुआ, जब उन्होंने अपने आखिरी प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 11 हासिल की। नुपुर का मानना है कि सिविल सेवा की तैयारी में लगातार प्रयास और धैर्य अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने अन्य उम्मीदवारों को सलाह दी कि वे अपने संसाधनों को सीमित रखें, प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ें, और अपने सपने को हासिल करने तक हार न मानें।
नुपुर गोयल की यह कहानी न केवल यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है। उनकी यह यात्रा दिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, दृढ़ संकल्प और निरंतर प्रयास से सफलता संभव है।