उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले कृष्ण कुमार सिंह की यात्रा एक साधारण इंजीनियर से लेकर एक सफल आईएएस अधिकारी तक की है। गाजियाबाद के स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद, कृष्ण ने दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और फिर यूपीएससी की दिशा में अपना कदम बढ़ाया।
उनके जीवन में एक मोड़ तब आया, जब वे लगातार असफलताओं का सामना कर रहे थे। इस दौरान, कृष्ण ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर के पद पर कार्य किया। हालांकि, उनकी आईएएस बनने की इच्छा अभी भी अधूरी थी। इसलिए उन्होंने फिर से तैयारी शुरू की और लगातार दो बार यूपीएससी परीक्षा पास की। चौथे प्रयास में उन्हें आईपीएस की सेवा मिली, लेकिन वे नहीं रुके और पांचवें प्रयास में उन्होंने अपना मनचाहा आईएएस सेवा प्राप्त की।
कृष्ण अपनी सफलता का श्रेय कठिन परिश्रम, टाइम मैनेजमेंट और नियमित आंसर राइटिंग प्रैक्टिस को देते हैं। उनका मानना है कि असफलताओं से घबराए बिना, सकारात्मकता के साथ अगर कोई व्यक्ति लगातार मेहनत करता है तो वह निश्चित रूप से सफलता प्राप्त कर सकता है।
कृष्ण कुमार सिंह की यह कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अपने लक्ष्यों को पाने के लिए कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उनकी यात्रा हमें सिखाती है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।