विशाल सारस्वत की यूपीएससी सफलता की कहानी ने यह सिद्ध कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और कठोर परिश्रम के साथ किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है, चाहे उसके लिए कोचिंग का सहारा लिया गया हो या नहीं। उनकी यात्रा न केवल उनके लिए बल्कि अन्य उम्मीदवारों के लिए भी प्रेरणास्रोत है।

मथुरा, उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले विशाल ने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की चुनौतीपूर्ण परीक्षा की तैयारी का निर्णय लिया। उनकी रणनीति स्पष्ट थी – अपनी क्षमताओं का मूल्यांकन करना और अपनी ताकतों और कमजोरियों को पहचान कर उनके अनुरूप आगे बढ़ना।

vishal saraswat

सेल्फ स्टडी को अपनाते हुए विशाल ने यह साबित किया कि अगर उम्मीदवारों के पास सही जानकारी और संसाधन हों तो वे बिना किसी बाहरी मदद के भी इस परीक्षा को पास कर सकते हैं। उनकी सफलता का मंत्र था – इंटरनेट का सही इस्तेमाल, चुनौतियों का सामना करना, और अपने लक्ष्य की ओर निरंतर प्रयास करना।

उन्होंने अन्य उम्मीदवारों को भी सलाह दी कि तैयारी के दौरान मानसिक रूप से तैयार रहें और असफलताओं से निराश न होकर आगे बढ़ते रहें। विशाल का मानना है कि सही रणनीति, समर्पण, और सकारात्मक दृष्टिकोण ही सफलता की कुंजी हैं।

उनकी यात्रा और संघर्ष उनके द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए गए इंटरव्यू में भी सामने आते हैं, जो अन्य उम्मीदवारों के लिए एक मार्गदर्शन का स्रोत हैं। विशाल सारस्वत की यह कहानी यह दर्शाती है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से किसी भी मुश्किल लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

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