उत्कर्ष कुमार, एक प्रेरणादायक युवा जिन्होंने अपनी उच्च-वेतन वाली निजी नौकरी को त्याग दिया और भारतीय सिविल सेवा में अपना करियर बनाने का साहसिक निर्णय लिया। उनकी यह यात्रा सामाजिक बदलाव और देश की सेवा की प्रतिबद्धता से प्रेरित थी। उत्कर्ष की इस जीवन यात्रा को दो सालों की कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय के बाद सफलता मिली।
उनकी इस यात्रा में शिक्षा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। झारखंड के हजारीबाग के रहने वाले उत्कर्ष ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई IIT बॉम्बे से पूरी की और उसके बाद उन्हें एक प्रतिष्ठित कंपनी में उच्च वेतन पर नौकरी मिली। हालांकि, उनके मन में सिविल सेवा का सपना हमेशा बना रहा।
उत्कर्ष ने अपनी सफलता के लिए एक विशेष रणनीति अपनाई। उन्होंने अपने बेसिक्स पर ध्यान केंद्रित किया और एक संतुलित तैयारी योजना बनाई। उनका मानना था कि समग्र तैयारी और समय प्रबंधन सफलता की कुंजी हैं। अपनी तैयारी के दौरान, उत्कर्ष ने नोट्स बनाने और उत्तर लेखन का अभ्यास भी किया।
उत्कर्ष कुमार ने अपनी सफलता के लिए यूपीएससी उम्मीदवारों को महत्वपूर्ण सलाह भी दी। उन्होंने बताया कि तैयारी के दौरान सकारात्मक रहना, बेसिक्स पर ध्यान देना, और कठोर परिश्रम करना जरूरी है। उन्होंने इंटरनेट और अन्य संसाधनों का उपयोग करने की भी सिफारिश की, ताकि तैयारी और अधिक प्रभावी हो सके।
उत्कर्ष कुमार की यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए समर्पण और कठिनाईयों का सामना करने को तैयार हैं। उनकी यात्रा दिखाती है कि कैसे निश्चय और समर्पण से कोई भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।