प्रेम प्रकाश मीणा की कहानी एक उदाहरण है कि कैसे सपने और दृढ़ संकल्प एक व्यक्ति को अंतरराष्ट्रीय करियर से भारतीय प्रशासनिक सेवा तक ले जा सकते हैं। मीणा ने विदेश में एक समृद्ध करियर को त्याग दिया और यूपीएससी की कठिन परीक्षा की ओर रुख किया। उनकी यह यात्रा साहस और समर्पण का अद्भुत मिश्रण है।
राजस्थान के अलवर जिले से आने वाले प्रेम प्रकाश मीणा ने अपनी शिक्षा जयपुर में केमिकल इंजीनियरिंग से प्राप्त की और फिर IIT मुंबई से एम-टेक किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय तेल और गैस कंपनियों में एक दशक तक काम किया। 2015 में भारत लौटकर, उन्होंने आईएएस बनने का संकल्प लिया और अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास की।
उन्होंने पहले प्रयास में इनकम टैक्स ऑफिसर के पद की नौकरी प्राप्त की, परंतु उनकी अभिलाषा इससे भी आगे की थी। दूसरे प्रयास में उन्होंने 102वीं रैंक हासिल की और उत्तर प्रदेश कैडर में चयनित हुए। बस्ती तहसील में उनकी ट्रेनिंग के बाद हाथरस जिले में उन्हें जॉइंट मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त किया गया, जहाँ उनके कार्य की गहन प्रशंसा हुई।
प्रेम प्रकाश मीणा ने ‘न्याय आपके द्वार’ अभियान की शुरुआत की, जिसके तहत वे स्थलीय निरीक्षण करके समस्याओं का समाधान करते हैं। इस पहल ने उन्हें जनता की नजरों में एक नायक की तरह प्रतिष्ठित किया। वे सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं और यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए मार्गदर्शन वीडियो भी बनाते हैं।
प्रेम प्रकाश मीणा की यात्रा समर्पण और संकल्प की अद्भुत मिसाल है, जो युवाओं को प्रेरित करती है कि कैसे वे अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं, चाहे उनके लक्ष्य कितने भी ऊँचे क्यों न हों।