अभिषेक सुराना की कहानी उनके दृढ़ निश्चय और सपनों के प्रति समर्पण की एक अद्भुत मिसाल है। राजस्थान के भीलवाड़ा के मूल निवासी, अभिषेक हमेशा अपनी पढ़ाई में अग्रणी रहे। 12वीं के बाद, उन्होंने आईआईटी दिल्ली में अपना दाखिला सुनिश्चित किया और यहां से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उन्हें विदेश में एक प्रतिष्ठित कंपनी में अच्छा पैकेज मिला, लेकिन वहां उन्हें वह संतुष्टि नहीं मिली जिसकी वे तलाश में थे। इसके बाद, उन्होंने विदेश में बिजनेस शुरू किया, लेकिन उनका मन फिर भारत लौटने को करने लगा।

Abhishek Surana

भारत वापसी के बाद, अभिषेक ने यूपीएससी की ओर अपना रुख किया। उनका लक्ष्य था सिविल सेवा में शामिल होना और देश की सेवा करना। उन्होंने इस दिशा में अपनी पढ़ाई और तैयारी शुरू की। उनके पहले दो प्रयास असफल रहे, लेकिन वे हार मानने वालों में से नहीं थे। तीसरे प्रयास में, उन्होंने सफलता हासिल की, लेकिन उनकी रैंक 250 थी, जिससे आईएएस सेवा प्राप्त नहीं हुई। अभिषेक ने चौथे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 10 हासिल की और अंततः अपने सपने को साकार किया।

अभिषेक युवा उम्मीदवारों को सलाह देते हैं कि यूपीएससी की तैयारी में मानसिक तैयारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि इस सफर में चुनौतियाँ आएंगी, लेकिन उनका सामना करते हुए लक्ष्य पर केंद्रित रहना जरूरी है। असफलताओं से न घबराएं और निरंतर प्रयास करते रहें। उनका यह भी मानना है कि सही रणनीति और कड़ी मेहनत से सफलता निश्चित रूप से मिलती है। अभिषेक सुराना की यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं।

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