विराट कोहली, भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक उज्ज्वल सितारा, ने अपने शानदार प्रदर्शन और लगातार सफलता के साथ खेल के क्षेत्र में अपना एक अलग स्थान बनाया है। विराट के इस युग में, कुछ अन्य बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का करियर उतना उज्ज्वल नहीं हो सका, जितना उनकी प्रतिभा के अनुसार होना चाहिए था।

मनीष पांडे: एक अनदेखी प्रतिभा मनीष पांडे, एक उच्च कोटि के बल्लेबाज, जिन्होंने IPL में अपनी बल्लेबाजी से अद्भुत प्रदर्शन किया और इस लीग में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बने। उनका घरेलू और IPL में प्रदर्शन हमेशा सराहनीय रहा है। हालांकि, भारतीय टीम में उनका स्थान हमेशा अनिश्चित रहा, मुख्यतः क्योंकि उनका पसंदीदा बल्लेबाजी क्रम – तीसरा स्थान – विराट कोहली के लिए आरक्षित था।

मनीष पांडे ने भारत के लिए 29 वनडे और 39 टी20 मैचों में प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने वनडे में 1 शतक और 2 अर्धशतक लगाए और कुल 566 रन बनाए। टी20 में उन्होंने 3 अर्धशतक के साथ 709 रन बनाए। लेकिन उनकी प्रतिभा का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हो सका, क्योंकि विराट कोहली के युग में उन्हें नियमित मौके नहीं मिले।

इस तरह, मनीष पांडे का करियर एक ऐसा उदाहरण है जहां एक उच्च क्षमता वाले खिलाड़ी की प्रतिभा एक बड़े सितारे की चमक में खो गई। उनकी कहानी यह बताती है कि क्रिकेट में सिर्फ प्रतिभा ही काफी नहीं है; अवसर और सही समय पर सही जगह होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

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