यूपीएससी की कठिन परीक्षा को पास करना किसी भी प्रतियोगी के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है। सचिन गुप्ता ने इस कठिन चुनौती को न केवल एक बार, बल्कि लगातार दो बार पास करके अपनी प्रतिभा और समर्पण का परिचय दिया है। हरियाणा के सिरसा से आने वाले सचिन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने आईएएस बनने के सपने की ओर कदम बढ़ाया।
पहले प्रयास में असफल होने के बाद, सचिन ने हार नहीं मानी। उनकी मजबूत इच्छाशक्ति और अध्ययन की गहराई ने उन्हें अगले प्रयास में सफलता दिलाई, जहाँ उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 575 हासिल की। लेकिन इससे उन्हें आईएएस सेवा नहीं मिली, जिसके चलते उन्होंने एक बार फिर कोशिश की और इस बार ऑल इंडिया रैंक 3 हासिल कर अपने सपने को साकार किया।
सचिन की सफलता का मूल मंत्र उनकी योजनाबद्ध रणनीति थी। उन्होंने यूपीएससी के सिलेबस को अच्छी तरह से समझा और उसी के अनुरूप अपना अध्ययन क्रम तैयार किया। इसके साथ ही, उन्होंने अन्य टॉपर्स के अनुभवों से भी सीखा और उनकी रणनीतियों को अपने अनुसार ढाला।
सचिन की सफलता इस बात का प्रमाण है कि असफलताओं से न डरकर और निरंतर प्रयास से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ संकल्प और मेहनत कर रहे हैं। सचिन का मानना है कि सकारात्मक रवैया और मजबूत इरादे से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। उनकी इस उपलब्धि से यह सीखने को मिलता है कि कठिनाइयों के बावजूद अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होने से सफलता अवश्य मिलती है।