आईएएस बनने का सपना हर किसी के लिए आसान नहीं होता, और यह बात रुशीकेश रेड्डी की कहानी से स्पष्ट होती है। आंध्र प्रदेश के कडप्पा के रहने वाले रुशीकेश ने अपनी शिक्षा दिल्ली आईआईटी से पूरी की और इसके बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान यूपीएससी की ओर लगा दिया।
रुशीकेश का यूपीएससी का सफर किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं था। उन्होंने पहली बार में इंटरव्यू तक पहुँचकर भी फाइनल सूची में अपना नाम नहीं पाया। दूसरे प्रयास में, वे मेंस तक पहुंचे, लेकिन सफलता फिर से उनसे दूर रही। तीसरे प्रयास में, उन्होंने अच्छी रैंक प्राप्त की, लेकिन उनका लक्ष्य आईएएस बनना था। चौथे प्रयास में वह प्री परीक्षा तक भी नहीं पहुंच पाए। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पांचवें प्रयास में उन्होंने अपना सपना साकार किया।
रुशीकेश की सफलता की कहानी यह सिखाती है कि असफलताओं से नहीं घबराना चाहिए। उनका मानना है कि सफलता के लिए धैर्य और लगातार प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने अपने अनुभवों से अन्य उम्मीदवारों को यह सलाह दी कि वे खुद को मानसिक रूप से तैयार रखें और इंटरनेट और अभ्यास की मदद से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें।
रुशीकेश रेड्डी की यह कहानी उन सभी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा है जो यूपीएससी की कठिन यात्रा में अपने सपनों का पीछा कर रहे हैं। उनकी सफलता यह बताती है कि कठिन परिश्रम और समर्पण से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।